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कृषि विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किसान ने की आत्महत्या,विरोध प्रदर्शन में ले रहा था हिस्सा

  • किसान ने ज़हरीले पदार्थ का किया था सेवन
  • प्रशासन की तरफ से परिजनों को दिया गया मुआवज़ा 
  • किसान संगठन ने की थी मुआवज़े की मांग

नेशनल डेस्क : कृषि विधेयक के विरोध में पंजाब के मुक्तसर जिले में चल रहे प्रदर्शन के दौरान 70 साल के एक किसान ने आत्महत्या कर ली। 

            पुलिस के मुताबिक, मनसा जिले के अक्कनवाली गांव निवासी प्रीतम सिंह ने शुक्रवार सुबह कोई जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या करने की कोशिश की। अस्पताल में इलाज के दौरान अगले दिन उनकी मृत्यु हो गयी। हालांकि, आत्महत्या के पीछे का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि ‘अभी पता नहीं चला है कि किसान ने यह कदम क्यों उठाया।’ किसान संगठन का कहना है कि प्रीतम सिंह पर कर्ज था। यह कयास लगाएँ जा रहे हैं कि किसान ने कर्ज की वजह से आत्महत्या का कदम उठाया होगा। 

बता दें कि पिछले 15 सितंबर से प्रीतम सिंह भारतीय किसान यूनियन द्वारा बादल गांव में आयोजित प्रदर्शन में भाग ले रहा था। यह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है।

मुक्तसर जिला प्रशासन ने मृतक के परिवार को दिया मुआवजा 

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव सुखदेव सिंह ने मृतक के परिवार को प्रशासन की ओर से मुआवजा दिए जाने की मांग की है। जिसको लेकर मुक्तसर जिला प्रशासन ने मृतक किसान के परिजन को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया।

पंजाब बंद के लिए 31 संगठन साथ आए

25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एकजुट हुए। इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को मोगा में एक बैठक की। इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया था।

किसान यूनियन को मिला इन संगठनों का साथ…

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल के अनुसार ‘पंजाब बंद को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां)’ आदि संगठन शामिल हैं।

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