जून महीने का तीसरा रविवार दुनिया के हर पिता को समर्पित
सबसे पहले 19 जून 1990 में अमेरिका में मनाया गया फादर्स डे
1966 में लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा
नेशनल डेस्क: जून महीने का तीसरा रविवार दुनिया के हर पिता को समर्पित है। हर वर्ष भारत समेत कई देशों में इस दिन को फादर्स डे यानी पितृ दिवस के तौर पर मनाया जाता है। फादर्स डे का दिन पिता के बलिदान, मेहनत, प्यार और त्याग की भावना के प्रति कृतज्ञ होने का दिन है। आप इस दिन अपने पिता के प्रति अपना सम्मान प्रकट करें।
फादर्स डे का इतिहास
इतिहासकारों की मानें तो ‘फादर्स डे’ सबसे पहले 19 जून 1990 में अमेरिका में मनाया गया था। जिसकी शुरुआत सोनोरा स्मार्ट डॉड की थी। हालांकि, लोगों ने डोड के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। उस समय लोगों ने डोड पर हास्यास्पद कमेंट कर उपहास भी किया था। आसान शब्दों में कहें तो डोड का मजाक उड़ाया था।
इसके बाद साल 1966 में अमेरिका के तथाकथित राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा भी की थी। इसके बाद 1972 में अमेरिका में जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाने लगा। इस दिन अमेरिका में आधिकारिक छुट्टी दी जाती है। इसके बाद से इसे दुनियाभर में मनाया जाने लगा। भारत में, तो इस दिन को बहुत खास माना जाता है।
फादर्स डे का महत्व
माता-पिता के प्रेम का वर्णन शब्दों में करने कठिन है। माता-पिता निःस्वार्थ भाव से बच्चों की सेवा करते हैं। पिता अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल भी होता है। पिता के पदचिन्हों पर बच्चे चलकर माता पिता का नाम रौशन करते हैं। पिता, पुत्र और पुत्री के स्वर्णिम भविष्य के लिए कठिन मेहनत करते हैं।
पिता के प्यार और बलिदान के सम्मान हेतु हर साल ‘फादर्स डे’ मनाया जाता है। इस मौके पर लोग अपने पिता को गिफ्ट देकर, साथ में समय बिताकर, उनके कामों में हाथ बंटाकर उन्हें सम्मान देते हैं।