क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान जबरन ‘धर्मांतरण’ को लेकर हंगामा हो गया
संत ‘आशा और जीवन’ पर लाठी-डंडों से हमला किया
पादरी लाजरस कॉर्नेलियस और सुषमा कॉर्नेलियस को हिरासत में लिया
(उत्तराखंड डेस्क) उत्तराखंड के उत्तरकाशी में क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान कथित जबरन ‘धर्मांतरण’ को लेकर हंगामा हो गया. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. दरअसल यहां पर क्रिसमस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान किसी अंजान व्यक्ति की सूचना पर लाठियों से लैस 30 से ज्यादा युवकों ने कार्यक्रम में शामिल लोगों पर हमला बोल दिया. मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने पादरी लाजरस कॉर्नेलियस और उनकी पत्नी सुषमा कॉर्नेलियस सहित छह लोगों को हिरासत में लिया है.
इस घटना के दौरान गांव के 30 युवकों ने संत ‘आशा और जीवन’ पर लाठी-डंडों से हमला कर आरोप लगाया कि उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. ज्ञात हुआ है कि ये युवक विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है. कुमार ने बताया, ‘क्रॉस एफआईआर में एक पक्ष पर जबरन धर्म परिवर्तन करने और दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया गया है.’डीजीपी ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर क्रॉस एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.राज्य की भाजपा सरकार ने हाल ही में विधानसभा में एक धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया था, जो बीते शनिवार को पारित हो गया और इसे राज्यपाल की सहमति भी मिल गई.
उत्तराखंड में लाया गया नया कानून पुराने से ज्यादा सख्त है. नए कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जबरन, लालच देकर या धोखे से किसी भी व्यक्ति को एक धर्म से परिवर्तित नहीं कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो दोषी पाए जाने पर उसे 3 से 10 साल तक की कैद हो सकती है. साथ ही साथ दोषी को 50 हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा. नए कानून में पीड़ित के लिए कम से कम 5 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है.