वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में अगुवा की स्थिति में भारत
देश ने प्रौद्योगिकी का लाभ उठान में महारथ हासिल कर ली
हवाई अड्डों, सड़क, रेल और जहाज परिवहन के क्षेत्रों में काफी काम हो रहा
दावोस। टाटा समूह के प्रमुख एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि भारत के व्यवहार में व नजरिये में हाल के वर्षों में व्यापक बदलाव आया है और अब वह वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में अगुवा की स्थिति में आ गया है। यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ)-2023 की वार्षिक बैठक के दौरान ‘10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के मार्ग पर भारत’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि देश ने प्रौद्योगिकी का लाभ उठान में महारथ हासिल कर ली है।
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टाटा संस के चेयरमैन ने आगे कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा स्नातक भारत में होते हैं, जो देश को बढ़त वाले स्थान पर पहुंचाने वाला सिर्फ एक तथ्य है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के नजरिये में बदलाव आ रहा है और कोरोना महामारी के दौर में यह सबसे अच्छा था, जब हमने देखा कि हमारे अपने टीके का विनिर्माण भारत में ही हो रहा है।
डिजिटल स्वीकार्यता अभूतपूर्व रही है। उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण चीजें- वृद्धि, वृद्धि और वृद्धि हैं। दुनिया को मजबूती की जरूरत है और भारत अगुवाई करने की स्थिति में है, खासकर आपूर्ति श्रृंखला ढांचे में। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में एक करोड़ पर्यटक आते हैं लेकिन इसमें 10 करोड़ पर्यटकों को बुलाने की क्षमता है।
इसके लिए हमें अवसंरचना तैयार करने की जरूरत है और हवाई अड्डों, सड़क, रेल और जहाज परिवहन के क्षेत्रों में काफी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम अभी वहां नहीं हैं लेकिन हम वहां जरूर पहुंचेंगे और इसके लिए हमें सिर्फ अपनी योजना को अमलीजामा पहनाना है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सभी लक्ष्यों के 25 साल के इस अमृत काल में प्राप्त होने की प्रबल संभावना है।
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