हरतालिका तीज व्रत रखने वाली सुहागिन आज इन कामों से बचें
भगवान भोलेनाथ करते हैं सारी मनोकामना पूरी
उपवास के दौरान क्या करें और क्या न करें?
Hartalika Teej 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से बहुत लाभ मिलता है। हरतालिका तीज अविवाहित लड़कियों और विवाहित महिलाओं दोनों द्वारा मनाई जाती है। हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने सबसे पहले इस व्रत का पालन किया था। हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की विधि विधान से पूजा पाठ व व्रत रखने से हर मनोकामना जल्द पूरी होती है।
अन्न-जल के ग्रहण से बचें
हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है। फल व पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है। वहीं व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद होता है। ऐसे में इस दिन गलती से भी अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
क्रोध करने से बचें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत करते समय महिलाओं को क्रोध व गुस्से काबू रखना चाहिए। इस दिन गुस्सा होने से व्रत खंडित हो जाता है और उसका फल नहीं मिल पाता।
हरतालिका तीज के दिन सोना वर्जित
हरतालिका तीज व्रत के दौरान दिन में सोना वर्जित माना गया है। हरतालिका तीज के दिन रात भर जागकर भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन व भजन किया जाता है। मान्यता है कि यदि व्रत के दौरान सोना शुभ नहीं माना जाता है।
बीच में न छोड़ें व्रत
यदि कोई महिला हरितालिका तीज का व्रत शुरू कर रही है, तो उसे बीच में व्रत नहीं छोड़ना चाहिए। हर साल ये व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए। ऐसा नहीं कि किसी साल ये व्रत किसी कारण से खंडित हो गया तो अगले साल फिर से शुरू कर सकते हैं।