हरतालिका तीज में वर्जित हैं ये कार्य
व्रत में विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक
व्रत के दिन करें आराध्य की पूजा
Hartalika teez: 30 सितंबर 2022 को हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाएगा। बता दें ये व्रत सुहागिन महिलायें अपने पति की लंबी आयु और सुख -समृद्धि के लिए रखती है। जबकि कुछ कुंवारी कन्यायें मनचाहा जीवन साथ पाने के लिए भी करती हैं। यह एक कठिनतम व्रत है जिसे निर्जला रहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान् शिव और माता पार्वती की पूजा कर उनसे अखंड सुहाग का वरदान मांगते हैं। हिन्दू धर्म के पौराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत में विधि विधान और इससे जुड़े कठोर नियमों का पालन करना भी बेहद अनिवार्य है । इस व्रत में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि मान्यताओं के मुताबिक़ हरतालिका व्रत करने वाली महिलाओं के लिए शयन यानी सोने को निषेध माना गया है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार यह व्रत कुमारी कन्यायें और सुहागिन दोनों ही महिलाएं दोनों ही रख सकती हैं, लेकिन ध्यान रहे कि एक बार यह व्रत प्रारंभ करने के बाद जीवन पर्यन्त इसे रखना अनिवार्य होता है। हालाँकि केवल एक ही स्थिति में इस व्रत को छोड़ा जा सकता है, यदि व्रत रखने वाली गंभीर रूप से बीमार हो जाये लेकिन उस स्थिति में भी किसी दूसरी महिला या उसके पति को ये व्रत करना होगा।
व्रत कथा में व्रत के दिन इन कार्यों को करना माना गया है वर्जित
हरतालिका तीज की व्रत कथा में क्रमवार उन सारी बातों का जिक्र किया गया है जिन्हें शास्त्रों के अनुसार इस दिन करना निषिद्घ बताया गया है। इसीलिए इस व्रत के नियम भी अत्यंत कठोर हैं। उल्लेखनीय है कि इन सारी बातों के पालन की अनिर्वायता के कारण ही हरतालिका तीज का व्रत महाव्रत कहलाता है। व्रत कथा में बहुत सी ऐसी बातों का उल्लेख है जिन्हें व्रत के दिन नहीं करना चाहिए। जिनमें कुछ महत्वपूर्ण हैं
व्रत कथा के अनुसार व्रत के दिन महिलाओं को क्रोध बिलकुल नहीं करना चाहिए क्योंकि क्रोध करने से मन की पवित्रता ख़त्म हो जाती है। शायद इसी लिए गुस्से को शांत करने के लिए महिलाएं हाथों में मेंहदी लगाती हैं।
व्रत के दिन पूरी रात जाग कर अपने आराध्य की पूजा करनी चाहिए। व्रत कथा के अनुसार मान्यता है कि यदि व्रत रखने वाली महिला रात में सोती है तो वह अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेती है। इसी तरह बताया गया है कि इस दिन व्रत रखने वाली महिला अगर गलती से कुछ खा या पी ले तो वह अगले जन्म में वानर बन जाती है।जो महिलायें इस दिन निर्जल रह कर व्रत नहीं करती तो जल पीने से वे अगले जन्म में मछली का रूप बन जाती हैं।
धार्मिक मयताओं के मुताबिक़ हरितालिका तीज व्रत के दिन गलती से भी सामिष यानी मांसाहारी भोजन करने वाली महिलाओं को कठोर श्राप मिलता है। इतना ही नहीं कथानुसार हरतालिका व्रत पर दूध पीने वाली स्त्रियों का अगला जन्म सर्प योनि में होता है।