जानें थायरॉइड क्या है?
कितने प्रकार का होता है थायरॉइड ?
हाइपरथायराइडिज्म से जुड़े लक्षण
Health Tips: आजकल के अनियमित लाइफस्टाइल में थाइरॉइड एक आम बीमारी बनती जा रही है। बता दें कि अकेले भारत में इस समस्या से हर 10 में से 7 लोग पीड़ित हैं। कई बार लोगों को थाइरॉइड के लक्षण समझने में भी काफी समय लग जाता है जिसके कारण यह समस्या और भी तेज़ी से बढ़ती जा रही है। इसके अलावा इस बीमारी में की गयी लापरवाही भी मरीज़ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उल्लेखनीय है कि थायरॉयड के मरीजों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि उनके शरीर के लिए किन चीज़ों का सेवन ज्यादा हानिकारक हो सकता है।
बता दें कि थायराइड एक तितली के आकार (butterfly-shaped organ) की ग्रंथि होती है जो गर्दन में श्वासनली (विंडपाइप) के सामने स्थित होती है। शरीर में थायराइड का काम हार्मोन को स्रावित करना है जो बॉडी फंक्शन को बदलने के साथ मैनेज करता है। उल्लेखनीय है कि ये थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) थायराइड हार्मोन के नाम से जाने जाते हैं।
हाइपरथायराइडिज्म से जुड़े लक्षण:
हाइपरथायराइडिज्म में व्यक्ति को कम नींद आना, वजन कम होना, घबराना, प्यास ज्यादा लगना और सांस फूलना आदि लक्षण महसूस होते हैं।
थायरॉइड की समस्या में इन चीजों से करें परहेज
– सोयाबीन
थायरॉइड के मरीज़ों को सोयबीन के सेवन से बचना चाहिए। बता दें कि सोयाबीन युक्त चीजों में फयटोएस्ट्रोजन मौजूद होता है। जो थायरॉइड के मरीजों के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है।
थाइरॉइड के मरीजों के लिए कैफीन और एल्कोहल का सेवन ज़हर के समान है। विशेषज्ञों के अनुसार अपनी बीमारी को नियंत्रित करने के लिए आपको इनका उपभोग बिकुल नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपकी थायरॉइड की ग्रंथी प्रभावित होने के साथ थायरॉइड के स्तर पर भी फर्क पड़ता है। गौरतलब है कि अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन थाइरोइड की दवाईयों के साथ कैफीन और एल्कोहल का भी सेवन कर रहा है , तो ऐसे में दवाओं के असर पर ख़तम हो जाता ।
प्रोसेस्ड फूड से बनाएं दुरी
लंबे समय से रखी हुई चीज़ों का सेवन करने से बचें।बता दें कि पैकेट फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होने के कारण थायरॉइड के मरीजों को नुक्सान पहुँचता है।
चीनी
हालाँकि आमतौर पर ज्यादा चीनी का सेवन किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में थायरॉइज के मरीज़ों क वजन इसके सेवन से अचानक बाद जाता है। इसलिए थाइरॉइड के मरीजों को चीनी के सेवन नहीं करने या सिमित मारा में करने की सलाह दी जाती है।