काशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हुई सुनवाई
एएसआई के डायरेक्टर जनरल का व्यक्तिगत हलफनामा कोर्ट में किया पेश
11 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
यूपी डेस्क: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है। केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील ने एएसआई के डायरेक्टर जनरल का व्यक्तिगत हलफनामा कोर्ट में पेश किया है।
एएसआई के डायरेक्टर ऑफ जनरल की तरफ से पेश हलफनामे में कहा गया है कि अगर कोर्ट निर्देशित करती है तो वह सर्वेक्षण के लिए तैयार है। इसके लिए एएसआई हर तरह से सक्षम है, सभी जरूरी उपकरण भी उनके पास मौजूद है। पिछली सुनवाई पर एएसआई के डायरेक्टर जनरल की तरफ से जवाब नहीं देने पर पर लगाए गए जुर्माने की 10 हजार रुपए जुर्माने की राशि को भी आज कोर्ट में जमा किया गया।
”मंदिर पक्षकार और मस्जिद पक्षकारों से ऑब्जेक्शन फाइल करने के लिए 10 दिनों का समय”
कोर्ट ने एएसआई के डायरेक्टर ऑफ जनरल के व्यक्तिगत हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए मंदिर पक्षकार और मस्जिद पक्षकारों से ऑब्जेक्शन फाइल करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे से शुरू होगी। अगली सुनवाई पर मंदिर पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन कोर्ट में बहस करेंगे। जो पूर्व में राम मंदिर जन्मभूमि मामले में भी कोर्ट में बहस कर चुके हैं। मंदिर पक्ष की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता ने इसकी जानकारी अदालत के समक्ष दी गई है।
अप्रैल 2021 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का ASI सर्वेक्षण करने का किया आदेश पारित
बता दें कि अप्रैल 2021 में वाराणसी के जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का आदेश पारित किया था। इस फैसले के खिलाफ मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है। याचिका में जिला न्यायालय के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। जिस पर दोनों पक्षों की तरफ से काफी समय से हाईकोर्ट में दलीलें रखी जा रही है।
एएसआई से भी कोर्ट ने मांगा था जवाब
मामले में पक्षकार बनाए गए एएसआई से भी कोर्ट ने जवाब मांगा था। जिस पर एएसआई के डायरेक्टर ऑफ जनरल का व्यक्तिगत हलफनामा भी कोर्ट में दाखिल हो चुका है। जस्टिस प्रकाश पाडिया की एकलपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। पूर्व में वाराणसी न्यायालय के एएसआई सर्वेक्षण के आदेश पर लगाई गई रोक को हाईकोर्ट ने 30 नवंबर तक बढ़ा दी है।