संगम नगरी में बाप-बेटे के हुनर को सलाम
मूक बधिर होते हुए भी बनाते है हॉर्न और एसी
30 सालों से बना रहे हैं गाड़ियों का हॉर्न
प्रयागराज: अगर आपके अंदर हौसला है तो आपके लिए कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। प्रयागराज में एक ऐसा परिवार है। जिसमें तीन लोग जन्म से ही बहरे और गूंगे है। लेकिन काम वो करते है जो आपको आश्चर्यचकित कर देगा। शमीम और उसका बेटा ईशान न तो बोल सकते हैं न ही सुन सकते हैं। उसके बावजूद भी दोनों बीते 30 सालों से गाड़ियों के हॉर्न को बनाते है। साथ ही साथ एसी समेत गाड़ियों की अन्य समस्याओं का भी निदान करते है। खास बात यह है कि हल्के कंपन से हॉर्न की आवाज को समझ लेते हैं। चंद मिनटों में प्रेशर हॉर्न बना डालते है। प्रयागराज की रानी मंडी में रहने वाले शमीम बचपन से ही न बोल पाते हैं, न सुन पाते हैं। उनकी पत्नी और उनके बच्चे ईशान वह भी बचपन से ही न बोल पाता है, न सुन पाता है। उनके घर में सिर्फ उनकी बहन नेहा जिसको लोग नेहा अप्पी के नाम से जानते हैं। सिर्फ वही बोल पाती है। 50 वर्षीय शमीम काम करते है शोर वाला। जी हां बिल्कुल आपने सही सुना जो बचपन से ही न बोल पाते हैं न सुन पाते हैं, लेकिन काम उनका है शोर वाला।
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प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके में शमीम और उनके बेटे की पेड़ के नीचे एक छोटी सी दुकान है। जिसमें वह बड़ी-बड़ी गाड़ियों का हॉर्न बेचते भी है और ठीक भी करते है। वहां के व्यापारियों का यह कहना है कि अगर आपने यहां पर एक बार आपने हॉर्न बनावा लिया तो आपको दोबारा आने की जरूरत नहीं है। शमीम के बेटे ईशान अपने कामों में काफी माहिर हैं। वह हॉर्न बनाने के साथ साथ कई कामों में भी माहिर है और पूरी तरह से अपने पिता शमीम का काम में भरपूर साथ देते है। शमीम और ईशान गाड़ियों का हॉर्न सिर्फ उसकी कम्पन से ही समझ लेते है और चंद मिनटों में प्रेशर हॉर्न बना डालते है।
वह गाड़ियों का और भी काम भरपूर तरीके से करते हैं। जिससे कि उनकी इस कला से पूरे परिवार का पालन पोषण चलता है। पिछले 30 सालों से प्रयागराज के सिविल लाइंस क्षेत्र के बिहारी भवन के सामने शमीम और ईशान गाड़ियों के हॉर्न और एसी समेत कई गाड़ी से जुड़ी समस्याओं का निदान करते हैं। स्थानीय लोगों और ग्राहकों को कहना है कि पूरे प्रयागराज में शमीम और ईशान जैसा मैकेनिक नहीं मिलेगा। दोनों न तो सुन सकते हैं न तो बोल सकते हैं। उसके बावजूद भी कंपन से हॉर्न प्रेशर को समझते हैं और गाड़ी की सभी समस्याओं को बखूबी निवारण भी करते हैं। दोनों इशारों के माध्यम से गाड़ी की समस्या को समझते हैं।
प्रयागराज से अखबारवाला.कॉम के लिए सैय्यद आकिब रजा की रिपोर्ट।