जोशीमठ में खतरनाक इमारतों को आज गिराया जाएगा
बारिश से बढ़ सकती है मुश्किल
पीड़ितों को दिया जाएगा मुआवजा
Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात हर पल बिगड़ रहे हैं. सैकड़ों लोगों को अभी तक खतरनाक इमारतों से रेस्क्यू किया जा चुका है. अभी तक 700 से ज्यादा घरों में दरारें देखी गई हैं और जमीन धंसने की खबरें आ रही हैं. वहीं, 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. इसके अलावा, 100 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है. अब प्रशासन की तैयारी है कि खतरनाक इमारतों (होटलों और घरों) को गिराया जाए.
जोशीमठ से अभी तक 131 परिवार विस्थापित हो चुके हैं. वहीं प्रशासन ने पीड़ितों को मुआवजा देने का एलान किया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने एनसीएमसी को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और बताया कि गंभीर रूप से प्रभावित घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है और राज्य सरकार उचित मुआवजा और राहत उपाय प्रदान कर रही है.
हालांकि, प्रशासन की तैयारी के बीच भूस्खलन से गांधीनगर और पालिका मारवाड़ी में बने मकानों में दरारें नजर आने लगी हैं. अधिकारियों के मुताबिक, गांधीनगर में 134 और पालिका मारवाड़ी में 35 घरों में दरारें आ गई हैं. वहीं, लोअर बाजार में 34, सिंहधार में 88, मनोहर बाग में 112, अपर बाजार में 40, सुनील गांव में 64, पारासरी में 55 और रविग्राम में 161 घर भी असुरक्षित जोन में आ गए हैं. बताया जा रहा है कि जोशीमठ में अब तक भूस्खलन से 723 घरों में दरारें आ चुकी हैं
जोशीमठ में प्रशासन बुधवार से खतरनाक इमारतों को गिराने की तैयारी कर रहा है, लेकिन प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है. दरअसल, आज से अगले तीन दिनों तक बारिश का साया है. अगर जोशीमठ में बारिश होती है तो मुसीबत और बढ़ सकती है. इससे स्थानीय लोगों को और मुश्किल हो सकती है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि प्रशासन बारिश से निपटने के लिए क्या रणनीति बनाता है।