राहुल गांधी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का चेहरा भी होंगे
राहुल गांधी सत्ता की नहीं, बल्कि जनता की राजनीति करते हैं
मध्यप्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस सत्ता में आएगी
(मध्यप्रदेश डेस्क) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री पद का चेहरा भी होंगे।उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को ईमेल के माध्यम से दिए साक्षात्कार में यह भी कहा भी कहा कि राहुल गांधी सत्ता की नहीं, बल्कि जनता की राजनीति करते हैं, ऐसे नेता को देश के लोग खुद-ब-खुद सिंहासन पर बैठा देते हैं.
कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते, बल्कि वे देश की उस जनता के लिए की बात करते हैं, जो लोगों को सत्ता में आने के लिए चुनती है। कमलनाथ से जब सवाल किया गया कि क्या सिंधिया कांग्रेस में लौटेंगे तो उन्होंने कहा, ”मैं किसी व्यक्ति के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन जो गद्दार हैं, जिन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया और कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात किया, उनके लिए संगठन में कोई जगह नहीं है। उनके लिए दरवाजे बंद हैं।”
‘भारत जोड़ो यात्रा’ तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे दक्षिण भारत के राज्यों से गुजर रही थी, तो बीजेपी ने दुष्प्रचार किया कि महाराष्ट्र में यात्रा विफल हो जाएगी. जब महाराष्ट्र में यात्रा को और ज्यादा समर्थन मिला, तो कहा कि हिंदी पट्टी में दक्षिण भारत जैसा समर्थन नहीं मिल पाएगा, लेकिन मध्य प्रदेश पहुंचकर यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘अब तो सब ने राजस्थान और उसके बाद दिल्ली में भी देख लिया है कि राहुल गांधी जी की यात्रा किस कदर लोकप्रिय हो रही है.’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही शामिल नहीं हुए, बल्कि आम जनता और खासकर नौजवानों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की.
मध्यप्रदेश को लेकर कमलनाथ ने यह दावा किया कि जिस दिन राज्य में कांग्रेस की दोबारा सरकार बनेगी, उस दिन ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने मुख्यमंत्री को बदल सकता है, वह भाजपा का आंतरिक मामला है। पिछली बार तो जनता ने कांग्रेस को चुना था, लेकिन अगर भाजपा चेहरा बदल भी लेती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि राज्य की जनता कांग्रेस को दोबारा सत्ता सौंपने का मन बना चुकी है। कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में निश्चित तौर पर बदलाव करेगी। मध्यप्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस सत्ता में आएगी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने यह भी कहा, ‘‘कई नेता और कार्यकर्ता ऐसे हैं, जिनमें संगठनात्मक क्षमता है, लेकिन अभी वे उचित पद पर नहीं हैं, जिससे कि उनकी प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल हो सके. ऐसे कार्यकर्ताओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी.’’