महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी केस आज होगी सुनवाई
आनंद गिरि की जमानत पर होगा फैसला
यूपी डेस्क: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले में उकसाने के आरोपी शिष्य आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर सुनवाई आज होगी।
आनंद का समाप्त हो गया था नरेंद्र गिरि से विवाद
याची आनंद गिरि की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने तर्क दिया कि खुदकुशी के पहले लिखे सुसाइड नोट में महंत ने दूसरे व्यक्ति के हवाले से याची आनंद गिरि पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है। उनकी अपनी व्यक्तिगत जानकारी में बातें नहीं लिखी गई है। सुनी हुई बातों को लेकर आरोप लगाया गया है। याची का महंत से हुआ विवाद समाप्त हो गया था। उन्होंने माफ कर दिया था। कोई दुराव नहीं रह गया था। याची घटना से दो माह पहले से हरिद्वार में रह रहा था।
महंत नरेंद्र गिरि से आत्महत्या से पहले याची द्वारा मोबाइल पर बात करने और भयभीत करने का कोई साक्ष्य नहीं हैं। वह घटनास्थल से काफी दूर था। किसी दूसरे व्यक्ति ने उन्हें गलत जानकारी देकर आत्महत्या की ओर धकेला है, जिसमें याची कोई भूमिका नहीं है। उनकी मृत्यु से याची को कोई लाभ न होकर नुकसान ही हुआ है। समय की कमी के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। गुरुवार को वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व एडवोकेट संजय यादव सीबीआई का पक्ष रखेंगे।
केस की सुनवाई सीबीआई की लखनऊ पीठ में होनी चाहिए: CBI अधिवक्ता
सीबीआई अधिवक्ता ने कहा था कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है। मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया है, लिहाजा, केस की सुनवाई सीबीआई की लखनऊ पीठ में होनी चाहिए। इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि और वादी के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सीबीआई को मामला सुपुर्द होने से पहले स्थानीय पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसका संज्ञान लिया और आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई तो इस मामले में बाद में आई, इसलिए ट्रायल पर उसका क्षेत्राधिकार नहीं बनता है।
20 सितंबर 2021 को फंदे पर लटके मिले थे नरेंद्र
स्वामी नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के अतिथि कक्ष में पंधे में रस्सी के फंदे से लटके मिले थे। पुलिस को कमरे में नौ पन्नों का सुसाइड नोट मिला था जिसके बाद रात में पुराने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस लिखा गया था। अगले दो दिन के भीतर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। फिर सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी जिसने आनंद गिरि को रिमांड पर लेकर पूछताछ की और हरिद्वार ले जाकर लैपटाप बरामद किया था। तब से आनंद गिरि नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।