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Major Dhyan Chand: आज हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती, PM मोदी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

  • आज हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती

  • पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

  • हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है नेशनल स्पोर्ट्स डे 

खेल डेस्क: हर साल 29 अगस्त को नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है। ये दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की आज य़ानी 29 अगस्त 2022 को 117वीं जयंती है।

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इस मौके पर आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी इस दौरान कहा कि मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस की हार्दिक बधाई एवं श्रद्धांजलि। हाल के वर्ष खेलों के लिए बहुत अच्छे रहे हैं। काश यह सिलसिला जारी रहे। खेल पूरे भारत में लोकप्रियता हासिल करते रहें।

अमित शाह ने भी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें किया नमन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें याद करते हुए नमन किया है। अमित शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट कर लिखा है,”हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी की जयंती पर उनका स्मरण कर नमन करता हूं। खेल को समर्पित ध्यानचंद जी का जीवन हमें बताता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी अपने परिश्रम व समर्पण से विश्व पटल पर मां भारती का गौरव कैसे बढ़ाया जा सकता है। सभी को राष्ट्रीय खेल दिवस की शुभकामनाएं।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह को याद किया। उन्होंने ट्विट करके लिखा कि वैश्विक पटल पर भारतीय हॉकी को ख्याति दिलाने वाले, असंख्य खिलाड़ियों के प्रेरणा-पुंज, हॉकी के जादूगर, ‘पद्म भूषण’ मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। देश के युवाओं एवं खिलाड़ियों के लिए आप महान प्रेरणा व आदर्श हैं।

कौन थे मेजर ध्यानचंद सिंह
हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को वर्तमान प्रयागराज, यूपी में हुआ था। अपनी बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्‍होंने 1922 में एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना की सेवा की। वह एक सच्चे खिलाड़ी थे और हॉकी खेलने के लिए सूबेदार मेजर तिवारी से प्रेरित थे। ध्यानचंद ने उन्हीं की देखरेख में हॉकी खेलना शुरू किया।

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उन्‍होंने 1928, 1932 और 1936 में भारत को तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाए। उन्होंने 1936 के बर्लिन ओलंपिक फाइनल में जर्मनी पर भारत की 8-1 की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसमें वह 3 गोल के साथ टॉप स्‍कोरर भी बने थे। वह 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में 14 गोल करने वाले खिलाड़ी भी थे। मेजर ध्यानचंद ने 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल किए, जबकि अपने पूरे करियर में लगभग 1,000 गोल किए।

हिटलर भी ध्यानचंद के व्यक्तित्व और खेल का मुरीद था
आपको बता दें कि तानाशाह हिटलर भी ध्यानचंद के खेल का मुरीद थे। दरअसल, बात 1936 की है, जब ध्यानचंद ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी के बर्लिन शहर में पहुंचे थे। वैसे तो उन दिनों ध्यानचंद के खेल के चर्चे पूरी दुनिया में होते थे। उनके खेल के बाकी लोगों जैसे ही हिटलर भी मुरीद था और ध्यानचंद के व्यक्तित्व से भी काफी प्रभावित था।

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