बीजेपी के इस दिग्गज नेता ने कर दी मनीष सिसोदिया की तारीफ
सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर से कुछ नहीं मिला
शांता कुमार राजनीति से सन्यास ले चुके हैं
National Desk. दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां आप सिसोदिया को बेहद ईमानदार व्यक्ति कह, उनका बचाव कर रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बेहद भ्रष्ट राजनेता करार दे रही है। इस बीच एक दिग्गज भाजपा नेता ने सिसोदिया के पक्ष में कुछ ऐसा बोला है, जिससे उनकी ही पार्टी असहज महसूस करेगी।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सिसोदिया साफ-सुधरी छवि वाले शानदार काम करने वाले उप मुख्यमंत्री के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है लेकिन आज वो जेल में बंद हैं।
बीजेपी के सांसद रह चुके कुमार ने आगे कहा कि यह सोचना भी कठिन है कि सीबीआई ने उन्हें बिना किसी अपराध के जेल में डाला। मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय काम कर अपनी अच्छी छवि पेश की है। इसके बावजूद वे भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। इससे यही साबित होता है कि करप्शन की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि सदाचार के स्टेशन से चलने वाली हर गाड़ी अब भ्रष्टाचार के स्टेशन पर जाकर ठहरती है।
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई को मनीष सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर से कुछ भी ऐसा नहीं मिला। उन पर बस इतना आरोप है कि उन्होंने व्यापारियों को लाभ पहुंचाया। इससे ये साबित होता कि वे व्यक्तिगत तौर पर ईमानदार हैं। उन्होंने ऐसा पार्टी और चुनाव के लिए किया होगा। शांता कुमार ने कहा कि आज देश में चुनाव में केवल करोड़ों – अरबों रूपये का काला धन खर्च होता है।
कौन हैं शांता कुमार ?
शांता कुमार राजनीति से सन्यास ले चुके हैं। लेकिन उन्हें हिमाचल प्रदेश का पहला गैर – कांग्रेसी मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। कुमार किसी समय बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। उनकी छवि बेहद ईमानदार और एक सख्त प्रशासक की रही है। शांता कुमार उन नेताओं में गिने जाते हैं, जिन्होंने हिमाचल में बीजेपी की जड़ें जमाईं। वे दो बार राज्य के सीएम बने। पहली बार 1977-80 तक जनता पार्टी के दौर में और दूसरी बार बीजेपी की तरफ से 1990 से 1992 तक। कुमार अपनी बेबाक राय के लिए भी जाने जाते हैं। वो कई बार अपनी ही पार्टी की आलोचना कर चुके हैं। कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा पर जब मुख्यमंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे तो शांता कुमार बीजेपी के उन नेताओं में से थे, जिन्होंने उन्हें पद से हटाने की मांग जोरदार तरीके से उठाई थी।