जम्मू-कश्मीर में गैर-कश्मीरियों को वोट करने का अधिकार मिलने पर घमासान
महबूबा मुफ्ती व उमर अब्दुल्ला भड़के
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में अब मतदान करने के लिए जम्मू कश्मीर का पर्मानेंट रेजीडेंट होने की जरूरत नहीं है। यहां के वोटर लिस्ट में बड़े बदलाव के तहत अब गैर-कश्मीरियों को वोट करने का अधिकार मिलेगा। इस पर कई राजनीतिक नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘क्या भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज भाजपा की सहायता नहीं करेगी।’’
Is the BJP so insecure about support from genuine voters of J&K that it needs to import temporary voters to win seats? None of these things will help the BJP when the people of J&K are given a chance to exercise their franchise. https://t.co/ZayxjHiaQy
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 17, 2022
इस प्रक्रिया का असली उद्देश्य स्थानीय आबादी को शक्तिहीन करना है: मुफ्ती
वह मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिनमें दावा किया गया है कि जो लोग काम, व्यवसाय या शिक्षा के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं, वे अगले विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकते हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस प्रक्रिया का असली उद्देश्य स्थानीय आबादी को शक्तिहीन करना है।
मुफ्ती ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का निर्णय, पहले भाजपा के पक्ष में पलड़ा झुकाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने से चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है।’’ वहीं, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने इस कदम को ‘‘खतरनाक’’ करार देते हुए कहा कि यह ‘‘विनाशकारी’’ होगा।