पाकिस्तान की जेल में बंद मिले असम से लापता हुए मां-बेटे
जेल के स्टाफ ने दिया महिला को फोन
दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
(नेशनल डेस्क) असम के नागांव से पिछले साल नवंबर में लापता एक महिला और उसके नाबालिग बेटे का पता चला तो उसके परिजन हैरान रह गए। दरअसल, परिजनों को जानकारी मिली कि दोनों पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। नागांव पुलिस और पीड़ित महिला के परिजनों के दावे के मुताबिक, दोनों को पाकिस्तान में कथित तौर पर वैध दस्तावेजों के बिना दाखिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। महिला की मां अजीफा खातून ने नागांव पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में कहा है कि उसके दामाद की दो साल पहले मौत हो गई थी और उसकी बेटी व नाबालिग नाती 26 नवंबर 2022 से लापता हैं.
खातून के मुताबिक, दिसंबर 2022 में उसे पाकिस्तान की एक विधि फर्म का पत्र मिला, जिसमें कहा गया है कि उसकी बेटी और नाती को बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है और दोनों क्वेटा जिला कारागार में बंद हैं. खातून के अनुसार, उसकी बेटी अपने ससुराल की संपत्ति बेचकर एक युवक के साथ पाकिस्तान चली गई थी. बताया जा रहा है कि यह युवक एक अफगान नागरिक है और पाकिस्तान में उसे भी गिरफ्तार कर क्वेटा जिला कारागार में बंद कर दिया गया है. खातून ने बताया कि उसने ‘अपनी बेटी को पाकिस्तान से भारत वापस लाने और नागांव में परिवार को सौंपने के लिए’ पुलिस से संपर्क किया है. महिला की मां ने बाद में पुलिस में मामला दर्ज कराया और अपनी बेटी की लोकेशन की पुष्टि के लिए फोन भी किया. वहीं जेल स्टाफ में से किसी शख्स ने महिला को फोन दिया था जिसके जरिए वह अपनी मां को सोशल मीडिया पर फोन कर पाई. उसने अपनी मां को बताया कि उसे शादी का झांसा देकर धोखा दिया गया और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सऊदी अरब ले जाया गया और वहां से पाकिस्तान ले जाया गया.
वे महिला से बात करने में भी कामयाब रहे लेकिन वह पाकिस्तान में कैसे उतरी, इसका जानकारी अधूरी है. उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि महिला, उनका बेटा और शादी का वादा करने वाला शख्स उस वक्त गिरफ्तार हुए होंगे जब फर्जी दस्तावेजों के जरिए वह पाकिस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे थे. डॉली ने आगे कहा, महिला और उनके बेटे को अलग-अलग जेल वार्ड में रखा गया है. वहीं शख्स पर एक अफगान नागरिक होने का संदेह है, जो उन्हें सऊदी अरब और फिर पाकिस्तान ले गया. वो भी एक ही जेल में अलग से बंद है. महिला और उनके बेटे की स्थिति अच्छी बताई गई है और उन्हें प्रताड़ित नहीं किया गया है.
कामरूप जिले में तीन लोगों को हथियारों और गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया। आरोपियों की पहचान फजल अली, बबली हुसैन और अनुवर हुसैन के रूप में हुई है। आरोपियों को पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के संयुक्त अभियान में गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया। वे एक व्यक्ति से पैसे लूटने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने उनके कब्जे से एक 7.65 एमएम पिस्टल, आठ राउंड कारतूस और अन्य धारदार हथियार बरामद किए हैं।
उन्होंने नई दिल्ली सहित उच्च अधिकारियों के साथ मामला उठाया है और महिला और उसके बेटे को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. महिला की मां ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपनी बेटी और पोते को वापस लाने की मांग की. हालांकि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. कोर्ट ने उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा.