केंद्र सरकार ने किसानों के लिया बड़ा फैसला
सरकार ने लिया फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने का फैसला
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया
नेशनल डेस्क: कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों को मानते हुए मोदी सरकार ने रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने का फैसला कर लिया है। प्रधानमंत्री ने ये साफ़ कर दिया था कि MSP पहले की ही तरह चलने वाली है। किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही मोदी सरकार ने कृषक उत्पादों की बिक्री के लिए राज्यों के कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानून के तहत संचालित मंडियों के अलावा एक वैकल्पिक चैनल मुहैया करने के लिए नया कानून बनाया है।
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,975 रुपये कर दिया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। एमएसपी कृषि उत्पाद बाजार समिति की व्यवस्था बनी रहेगी और सरकारी खरीद होती रहेगी। साथ ही किसान जहां चाहें अपने उत्पाद बेच सकेंगे।
कृषि मंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय की है, जब संसद में पारित कृषि संबंधी दो विधेयकों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य स्थानों पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। तोमर ने कहा कि सीसीईए ने छह रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है।
नये कानून में गेहूं, चावल या अन्य मोटा अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल, शाक-सब्जी, फल, मेवा, मसाले, गन्ना और कुक्कुट, सूअर, बकरी, मछली और डेरी उत्पाद सहित ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनका नैसर्गिक या प्रसंस्कृत रूप में मानव उपभोग करता है, उनको कृषक उत्पाद कहा गया है।