केरल में मिला मंकीपॉक्स का केस
तीन दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात से लौटा है संदिग्ध
जानवर से मनुष्यों में आने वाला वायरल रोग है मंकीपॉक्स
नेशनल डेस्कः केरल में मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस मिलने से हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने व्यक्ति का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है। व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे थे। पुष्टि होने के बाद ही उसे मंकीपॉक्स संक्रमित माना जाएगा।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति तीन दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात से लौटा है। यहां आने पर उसकी तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसके बाद व्यक्ति के ब्लड सैंपल को परीक्षण के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बीमारी की पुष्टि हो सकती है।
जानवर से मनुष्यों में आने वाला वायरल रोग है मंकीपॉक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स जानवर से मनुष्यों में आने वाला वायरल रोग है। इसके लक्षण स्मालपॉक्स जैसे होते हैं लेकिन इसे कम घातक माना जा रहा है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायरस से संक्रमित वस्तुओं, जानवरों एवं मनुष्यों के करीबी संपर्क में आने पर यह रोग फैलने लगता है। इसके लक्षण शरीर में दो से चार सप्ताह तक रह सकते हैं।
मंकीपॉक्स को लेकर सरकार पहले से अलर्ट
इसमें पूर्व में चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं। हालांकि, इलाज की दृष्टि से यह कम गंभीर है। 1980 में चेचक के खात्मे और उन्मूलन और उसके बाद इसके टीकाकरण की समाप्ति के बाद मंकीपॉक्स बड़ा ऑर्थोपॉक्सवायरस के रूप में उभरा है। वहीं, मंकीपॉक्स को लेकर सरकार पहले से अलर्ट है। स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पहले ही इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर चुका है।