दुनिया भर में फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस
पानी और फ्रिज में रखे भोजन में जिंदा रह सकता है मंकीपॉक्स वायरस
मंकीपॉक्स वायरस के क्या है लक्षण
Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स वायरस के बारे में एक नई जानकारी मिली है कि यह रेफ्रिजेरेटेड भोजन और पानी में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) के विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस बेहद कम तापमान में भी स्थिर रहता है।
मंकीपॉक्स दुनिया भर में फैल रहा है। यू.एस. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, 29 जुलाई तक वैश्विक स्तर पर 22,485 से अधिक पुष्ट संक्रमणों के साथ मामले बढ़ते जा रहे हैं। लगभग सभी ऐसे देशों में मामले हुए हैं जिन्होंने पहले मंकीपॉक्स के मामलों की सूचना नहीं दी थी। मंकीपॉक्स के बारे में वैज्ञानिकों को अभी भी बहुत नहीं पता है। ये रहस्य है कि ऐतिहासिक रूप से पश्चिम और मध्य अफ्रीका तक सीमित ये बीमारी दुनियाभर में कैसे फैल गई है।
साथ ही, विशेषज्ञों को बीमारी के बारे में बहुत नई जानकारियां भी मिली हैं।डीएचएस विज्ञान और प्रौद्योगिकी रिपोर्ट में बहुत सारे विवरण प्रस्तुत किए गए हैं।रिपोर्ट में ट्रांसमिसिबिलिटी से लेकर संक्रामक खुराक तक सब कुछ शामिल है। एक महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि यह वायरस शरीर के बाहर कितने समय तक जीवित रह सकता है। रिपोर्ट में मंकीपॉक्स वायरस को पर्यावरण में “बहुत स्थिर” के रूप में वर्णित किया गया है और कहा गया है कि यह “पानी, मिट्टी और फ्रोजेन भोजन पर दिनों से लेकर हफ्तों तक जीवित रह सकता है।” इसमें कहा गया है कि त्वचा की पपड़ी के अंदर वायरस महीनों से लेकर सालों तक जीवित रह सकता है। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि वायरस सामान्य सतहों पर कितने समय तक जीवित रह सकता है, लेकिन सीडीसी ने कहा है कि जांचकर्ताओं ने एक मरीज के खाली घर में 15 दिन बाद जीवित वायरस पाया।
सीडीसी ने यह भी कहा कि मंकीपॉक्स जैसे पॉक्स वायरस, लिनेन, कपड़ों और सतहों में विशेष रूप से अंधेरे, ठंडे, शुष्क वातावरण में जीवित रह सकते हैं। सीडीसी ने कहा कि बिस्तर और कपड़ों जैसी छिद्रयुक्त सामग्री में प्लास्टिक, कांच या धातु जैसी गैर-छिद्रपूर्ण सामग्री की तुलना में अधिक समय तक वायरस बरकरार रह सकते हैं। ऑर्थोपॉक्स वायरस तो महीनों तक घर जैसे वातावरण में जीवित रह सकते हैं। वायरस को नष्ट करने के संबंध में, डीएचएस रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल, ऐसा कोई भी डेटा नहीं है जिससे मंकीपॉक्स वायरस के खिलाफ सबसे आम कीटाणुनाशक की प्रभावशीलता को बताया जा सके। लेकिन उभरते वायरस के खिलाफ ब्लीच के इस्तेमाल की सिफारिश की जाती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मंकीपॉक्स के एक करीबी रिश्तेदार वैक्सीनिया वायरस के साथ परीक्षण से पता चलता है कि विरकॉन, डेटॉल और सैनीटेक्स जैसे कीटाणुनाशक प्रभावी हैं। वायरस का सतह पर जीवित रहना महत्वपूर्ण है क्योंकि विशेषज्ञों को पता है कि यौन संचरण ने इस वर्ष बीमारी के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।मंकीपॉक्स दूषित वस्तुओं जैसे कपड़ों के माध्यम से फैल सकता है। सीडीसी ने कहा कि वायरस त्वचा पर उभरे दाने के सीधे संपर्क, शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क, श्वसन स्राव के संपर्क और सेक्स, चुंबन, गले लगाने और लंबे समय तक आमने-सामने संपर्क जैसे अंतरंग संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। साथ ही, गर्भवती महिलाएं भ्रूण में वायरस फैला सकती हैं। इसके अलावा, लोग मांस सहित संक्रमित जानवरों से वायरस पकड़ सकते हैं।