नेशनल डेस्कः अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। लगातार 40 दिन तक चली सुनवाई का बुधवार 16 अक्तूबर को अंतिम दिन था। इसी बीच बुधवार को यह भी खबर फैल गई की विवादित जमीन से सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना वापस लेगा। इस खबर से देश भर में हलचल फैल गई। सोशल मिडिया ने इस आग को और हवा देने का काम किया।
अब इस मामले में नया मोड़ आया है, अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ने संबंधी किसी तरह के नए हलफनामा देने से इंकार किया है। उनका कहना है कि बोर्ड की ओर से कोई हलफनामा पेश नहीं किया गया है। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं। काम इतना ही नहीं आॅल इंडिया बाबरी मस्जिद ,क्”ान कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने भी कहा की उन्हें सुन्नी वक्फ बोर्ड }ारा अपील वापस लेने की कोई जानकारी नहीं है।
वहीं अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुलह.समझौता कमेटी में सदस्य नामित किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू को हलफनामा देकर सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की ओर से दावा छोड़ने की बात सामने आई है, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कुछ भी दायर नहीं हुआ हैए यह अफवाह है। हम सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे।
क्या है पूरा मामला
दशकों से चले आ रहे राम जन्मभूमि.बाबरी मस्जिद विवाद में बुधवार को खबर आई कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मामले में दायर केस को वापस लेने का फैसला किया है। वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के जरिये इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। बताया जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दाखिल करने से पहले अपने वकीलों से सलाह.मशविरा भी नहीं किया। हलफनामे में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह अपना केस वापस लेना चाहता। हलफनामा श्रीराम पंचू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अब किसी भी तरह के हस्तक्षेप की अर्जी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।