राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द
विदेशी फंडिंग कानून के उल्लंघन का आरोप
जांच के बाद गृह मंत्रालय ने की कार्रवाई
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े एक गैर रसकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन पर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान नियमन अधिनियम का लाइसेंस रद्द कर दिया है। विदेशी योगदान में कथित अनियमितताओं के बाद यह एक्शन लिया गया है। यह कार्रवाई 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर की है। इस जांच कमेटी में ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के अधिकारी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल करने का नोटिस राजीव गांधी फाउंडेशन के ऑफिस बियरर को भेज दिया गया है।
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बता दें कि राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में की गई थी। राजीव गांधी फाउंडेशन ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, संगठन ने शिक्षा क्षेत्र में भी काम किया है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा राजीव गांधी फाउंडेशन के अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।
राजीव गांधी फाउंडेशन पर पहली बार 2020 में आरोप लगे थे। कहा गया था कि फाउंडेशन को चीन से 90 लाख रुपए मिले हैं। कानूनों को दरकिनार करते हुए यह फंडिंग की गई थी। कई सवाल उठे, जो गृह मंत्रालय ने जांच शुरू की। अब राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया गया है। माना जा रहा है कि इस मामले में कांग्रेस और उसके नेताओं की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है।
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