चीन के जाल में फंसा नेपाल !
भारत के खिलाफ नया प्लान किया जारी
नेपाल कालापानी में करेगा जनगणना !
नेशनल डेस्क: चीन के जाल में फंस चुका नेपाल बार-बार अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है और भारत के खिलाफ अलग-अलग मुद्दों को लेकर कार्रवाई कर रहा है। कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद अब नेपाल जनगणना करना चाहता है। वह नेपाली नागरिकों के रूप में गिनती करना चाहता है। हालांकि विशेषज्ञों द्वारा इसे असंभव बताया गया है।
कैसे कराई जाए जनगणना ?
अगले साल 28 मई 2021 मे 12वां नेशनल पाॅप्युलेशन एंड हाउजिंग सेंसस करने की तैयारी में जुटा है। नेशनल प्लानिंग कमीशन और सेंट्रल ब्यूरो आॅफ स्टैटिक्स अगले साल मतगणना करेगा। सूत्रों के अनुसार राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व असमंजस की स्थिति में है कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा में जनगणना कैसे संभव होगी और यदि है तो कैसे? नेपाल के अखबार से प्लानिंग कमीशन ने कहा कि, ‘‘ निश्चित तौर पर हम तीनों जगह की जनगणना कराएंगे। रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी घर – घर जाकर गिनती ना कर सकने की स्थिति के लिए दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।
नेपाल सांसद और महानिदेशकों का कहना ये संभव नहीं
नेपाल के लिपुलेलख में छह दशक पहले जनगणना हुई थी। सर्वो डिपार्टमेंट के अनुसार पूर्व महानिदेशक बुद्धि नारायण श्रेष्ठ के अनुसार सालों पहले कुंजी, नवी और कुती में लोगों और घरों की गिनती की थी लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है। उस दौरान भी भारतीय सेना ने नेपाल को सर्वे करने से रोका था।
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कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाली क्षेत्र
प्लानिंग कमिशन और स्टैटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि यह तीनों नेपाली क्षेत्र है , इसलिए इनकी जनगणना करना चाहते हैं। वहीं नेपाल के सांसद और अधिकारियों का कहना है कि यह विवादित इलाके है इसलिए ऐसा करना संभव नहीं है। वहीं भारत भी इसकी इजाजत नहीं देगा।
भारतीय सेना कालापानी नहीं जाने देगी
गौरतलब है कि नेपाल ने इसी साल मई में अपना नया नक्शा पेश किया। जिनमें इन तीनों इलाकों को भी दिखाया है लेकिन भारत द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताई गई। श्रेष्ठ ने कहा कि, मैं नहीं मानता कि हमारे अधिकारी या गणनाकार इन क्षेत्रों में जा सकते है क्योंकि वहंा पर भारी संख्या में फोर्स तैनात है।