पश्चिम बंगाल,ममता बनर्जी, आरएसएस, ब्राहमण पुरोहित, वित्तीय सहायता
बंगाल सरकार ने की थी पुरोहितों को प्रतिमाह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा
जिहादी आतंकवाद के शिकार परिवारों की मदद करे सरकार
हिंदू ब्राह्मण दान स्वीकार नहीं करते
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पश्चिम बंगाल में ब्राह्मण पुरोहितों को प्रतिमाह 1000 रूपये की वित्तीय सहायता और रहने की मुफ्त व्यवस्था की घोषणा करने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंगलवार को आलोचना की। आरएसएस ने आरोप लगाया कि बंगाली भाषी हिंदुओं का अस्तित्व वर्तमान बंगाल में खतरे में है। वरिष्ठ आरएसएस नेता जिष्णु बसु ने कहा कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार हिंदुओं की सहायता के लिए इतनी ही इच्छुक है तो उसे उन परिवारों की मदद करनी चाहिए जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में ‘जिहादी आतंकवाद’ में अपनों को गंवाया है।
उन्होंने कहा, ‘ हिंदू ब्राह्मण दान स्वीकार नहीं करते हैं, हिंदू पुरोहितों और ब्राह्मणों को समाज उनके द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्य के लिए दक्षिणा देता है। यह (उन्हें वित्तीय सहायता देना) सरकार का काम नहीं है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी कृतियो में इस बारे में विस्तार से लिखा है।’ दक्षिण बंगाल क्षेत्र के प्रांत कार्यवाह बसु ने एक बयान में कहा,‘बंगाली भाषी हिंदुओं का अस्तित्व वर्तमान बंगाल में खतरे में है। इस तरह की घोषणा से हिंदू संवेदना आहत होती है।’
‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण ‘को लेकर विपक्षी दलों के अक्सर निशाने पर रहीं मुख्यमंत्री ने सोमवार को 8000 से अधिक हिंदू पुरोहितों के लिए 1000-1000 रूपये प्रति माह की वित्तीय सहायता और रहने की मुफ्त व्यवस्था की घोषणा की । बसु ने कहा, ‘ यदि राज्य सरकार हिंदुओं की मदद की करना चाहता है तो नादिया में अनुसूचित जाति के परिवारों की सहायता करनी चाहिए जिनकी जिहादियों ने हत्या कर दी। राज्य को उन परिवारों की मदद करनी चाहिए जिन्होंने जिहादी आतंक में अपनों को खोया है। यदि राज्य सरकार ऐसे परिवारों की मदद करती है तो हिंदू प्रसन्न होंगे। हिंदुओं का माखौल उड़ाये जाने से हमें पीड़ा पहुंचती है। ‘