राष्ट्रपति से मिलेगीं विपक्षी पार्टियां,कृषि बिल पर साइन ना कर वापस राज्यसभा भेजने की करेंगी मांग

  • 12 विपक्षी दलों के सांसद जाएंगे राष्ट्रपति के पास
  • भारी हंगामें के बीच रविवार को राज्यसभा में पास हुआ विधेयक
  • विपक्ष का आरोप, बिना मत विभाजन के पारित किए विधेयक

नेशनल डेस्क: संसद में पारित किये कृषि संबंधी विधेयकों को सहमति नहीं देने की मांग को लेकर 12 विपक्षी दल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सोमवार को संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को बताया कि कल राज्यसभा में कृषि क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण विधेयक बिना मत विभाजन के पारित कर दिये गये।

इन विधेयकों को मंजूरी नहीं देने की मांग को लेकर राष्ट्रपति से मिलने के लिए 12 विपक्षी दलों ने समय मांगा है। राज्यसभा में रविवार को विपक्ष के भारी हंगामें के बीच कृषि सुधारों के दो विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020′ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020′ को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था। लोकसभा इसे इन्हें पहले ही पारित कर चुकी हैं। ये दोनोें विधेयक जून में जारी किये गये दो विधेयकों का स्थान लेंगे।

उल्लेखनीय है कि कृषि बिल को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है। रविवार को विपक्ष के हंगामे के बीच बिल पास हो गया, लेकिन इस दौरान संसद में काफी हंगामा हुआ। कई विपक्षी सांसदों ने उपसभापति की चेयर पर रखे पर्चे फाड़े और माइक भी तोड़ दिया। इसी पर कार्रवाई करते हुए सोमवार को राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कुल आठ सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया।

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