कंपनी संशोधन कानून को संसद की मंजूरी
कई कृत्य अपराध की सूची से बाहर
कारोबार की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया कानून
नेशनल डेस्क: संसद ने कंपनी कानून में संशोधन के लिए लाये गये एक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। जो विभिन्न शमनीय (कंपाउंडेबल) कृत्यों को अपराध के दायरे से बाहर करने और देश में कारोबार की सुगमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है।
कंपनी (संशोधन) विधेयक 2020 को राज्यसभा ने संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। चर्चा के दौरान ज्यादातर विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। लोकसभा इस विधेयक को 19 सितंबर को पारित कर चुकी है। विधेयक में विभिन्न दंड वाले प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, भारतीय निगमित कंपनियों को विदेशों में सीधे सूचीबद्ध करवाने और मूल कानून में उत्पादक संगठनों से संबंधित एक नया अध्याय जोड़ने का प्रावधान है। विधेयक पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार संशोधनों को लेकर संसद में आती रही है, क्योंकि कंपनी कानून 2013 में अभी तक कुछ मुद्दे हैं। इस विधेयक के जरिये मूल कानून की 48 धाराओं में संशोधन का प्रवाधान है ताकि विभिन्न कृत्यों को अपराध श्रेणी से बाहर किया जा सके।
सीतारमण ने कहा कि, कंपनी कानून के तहत वर्तमान में करीब 124 दंडात्मक प्रावधान हैं जबकि मूल कानून में 134 दंडात्मक प्रावधान थे। हालांकि वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और लोक हित को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के साथ कड़ाई से निपटा जाएगा। विधेयक पर हुई चर्चा में अधिकतर सदस्यों ने इस बात पर बल दिया कि व्यापारियों पर अनावश्यक कानूनी दबाव नहीं डाले जाने चाहिए तथा कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना चाहिए।