- प्रयागराज के MNNIT कॉलेज के छात्रों का नया अविष्कार
- छात्रों ने देश की पहली मानव रहित कार को बनाया
- सेंसर मोटर के जरिए बिना ड्राइवर की चलेगी कार
प्रयागराज, अखबारवाला। प्रयागराज का मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एक बार फिर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। संस्थान के बीटेक विभाग के 20 छात्रों ने एक ऐसी कार का आविष्कार किया है जो बिना ड्राइवर के चलेगी।
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हालांकि, पहले चरण में परीक्षण सफल होने के बाद संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर आर एस वर्मा ने खुशी जाहिर की है।आज संस्थान के पूर्व डायरेक्टर राजीव त्रिपाठी और कई प्रोफेसर के साथ इसका डेमो हुआ। बताया जा रहा है कि यह भारत की पहली मानव रहित कार है। इस कार के आगे कैमरा लगाया गया है साथ ही साथ सेंसर भी लगा हुआ है कार का आविष्कार किए छात्रों ने बताया कि उन छात्रों ने इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की गोल्फ कार्ट खरीदी थी जिसमें मोटर और सेंसर के साथ-साथ कैमरा लगा कर के इसका डेमो के लिए तैयार किया है। गाड़ी में लगे सेंसर ऑब्जेक्ट को रीड करता है।
वहीं छात्र अमित गुप्ता ने बताया कि उनकी टीम एक किट बना रहीं हैं जो किसी भी गाड़ी में फिट हो जाए ताकि हर एक गाड़ी मानव रहित हो। अमित ने बताया कि भारत के अलावा कई देशों में इस तरह की कार का आविष्कार हो चुका है और उसी को देखते हुए साथ ही साथ पीएम मोदी की बातों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया और स्टार्ट up इंडिया के तहत इस कार को तैयार किया गया है
उधर एमएनएनआईटी के निदेशक प्रोफेसर आर एस वर्मा छात्रों की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं उनका कहना है कि यह गर्व की बात है कि एमएनएनआईटी के छात्रों ने भारत की पहली मानव रहित कार का अविष्कार किया है।
बता दें कि बिना ड्राइवर के चलने वाली पहली मानव रहित कार के प्रोजेक्ट का पहला चरण दो साल की अथक मेहनत के बाद पूरा कर लिया गया है। प्रयोग के तौर पर गोल्फ कार्ट में इस कार के सिस्टम को फिट किया गया है। कोडिंग और प्रोग्रामिंग सफल होने के बाद फिलहाल इस कार को किसी भी सड़क पर सीधे चलने के लिए उतारा गया है।
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