पंजाब सरकार विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची
पंजाब के गवर्नर ने विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था
CM भगवंत मान ने किया ट्वीट
पंजाब डेस्क: पंजाब सरकार विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। दरअसल पंजाब के गवर्नर ने विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है। इस मामले में आज यानी 27 फरवरी को सुनवाई होगी। पंजाब कैबिनेट ने बजट सत्र बुलाने के लिए गवर्नर को 22 फरवरी को चिट्ठी लिखी थी। अगले दिन यानी 23 फरवरी को गवर्नर ने कहा था कि वह कानूनी राय लेंगे। इसके बाद अभी तक गवर्नर ने बजट सत्र पर कोई जवाब नहीं दिया है।
दरअसल इस मामले में कैबिनेट ने बजट सेशन की मंजूरी दी थी लेकिन गवर्नर ने उसे मंजूरी नहीं दी। गवर्नर ने CM भगवंत मान के उनके सवालों पर दिए जवाबों को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि वह इस बारे में लीगल राय लेंगे।
मुख्यमंत्री मान ने ट्वीट किया- ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की झलकियां… दिल्ली में बहुमत के बावजूद मेयर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाओ… डिप्टी मेयर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाओ… पंजाब विधानसभा का बजट सत्र चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ रहा है… लोकतंत्र की तलाश जारी है…।’
पंजाब गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने CM पंजाब भगवंत मान द्वारा उन्हें लिखे गए लेटर को असंवैधानिक और अपमानजनक बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि वह मामले में कानूनी राय लेंगे और इसके बाद ही उनके लेटर का जवाब भी देंगे।गौरतलब है कि पंजाब के सरकारी टीचरों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजने के मुद्दे पर गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित और CM भगवंत मान एक-दूसरे के आमने-सामने हुए थे। CM मान ने गवर्नर का नाम लिए बिना तंज कसते हुए यह भी कहा था कि पंजाब के फैसले जनता द्वारा चुने लोग ही लेंगे, सिलेक्टेड नहीं।
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और सीएम मान के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। इससे पहले राज्यपाल ने 13 फरवरी को पत्र लिखकर मान से हाल ही में सिंगापुर में आयोजित एक प्रशिक्षण संगोष्ठी के लिए 36 सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के चयन की प्रक्रिया को स्पष्ट करने के लिए कहा था, इसके साथ ही उन्होंने अन्य मसलों को भी उठाया था।मान ने इसके उत्तर में कहा था कि वह केवल तीन करोड़ पंजाबियों को उत्तर देने के लिए बाध्य हैं, न कि केंद्र की ओर से नियुक्त किए गए राज्यपाल को। इसके साथ ही मान ने राज्यपाल की नियुक्ति के मानदंड पर भी सवाल उठाया था।