उमेश पाल हत्याकांड के बाद से प्रयागराज पुलिस और प्रशासन एक्शन मोड़ में
अवैध निर्माण को चिन्हित कर,की बुलडोजर की कार्रवाई
तीन जेसीबी और एक पोकलैंड ने मकान को खंडहर में कर दिया तब्दील
उत्तरप्रदेश डेस्क: उमेश पाल हत्याकांड के बाद से प्रयागराज पुलिस और प्रशासन एक्शन मोड़ में है। माफिया अतीक अहमद के करीबियों के अवैध निर्माण को चिन्हित कर बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है। बुधवार को अतीक के करीबी जफर अहमद के अवैध निर्माण को जमींदोज किया गया। वहीं, आज अतीक के करीबी सफदर अली के राजरूपपुर स्थित दो मंजिला मकान को ध्वस्त किया जाएगा। सफदर के मकान को ध्वस्त किए जाने की खबर मिलते ही स्थानीय बीजेपी पार्षद मिथिलेश सिंह मौके पर पहुंच गए। वह माफिया अतीक के करीबी सफदर के समर्थन में उतर गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीजेपी पार्षद का कहना है कि सफदर अली की भूमिका के बारे में पहले प्रशासन को जांच कर लेनी चाहिए। जांच के बाद ही किसी तरीके की कोई कार्रवाई करनी चाहिए। मिथिलेश सिंह ने सफदर अली को साफ सुथरी छवि वाला बताया है। उनका कहना है कि सफदर को अपना पक्ष रखने के लिए मौका मिलना चाहिए। पार्षद ने कहा कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले पीडीए को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। हालांकि पीडीए की तरफ से 28 फरवरी को ही मकान ध्वस्त किए जाने की नोटिस जारी की गई है। लेकिन मकान के मालिक सफदर अली कहना है कि पीडीए ने कार्रवाई से ठीक पहले उन्हें नोटिस दिखाया है। उनका पक्ष भी नहीं रखने दिया है।
तीन जेसीबी और एक पोकलैंड के जरिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने मकान को खंडहर में तब्दील कर दिया। घर गिराने की कार्रवाई शुरू हुई तो सफदर के बेटे और बहू अंदर घुस गए, उन्होंने बाहर निकलने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने अंदर जाकर सबको जबरन बाहर निकाला। इसके बाद मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मकान बिना नक्शा पास कराए बनाया गया है। इसको लेकर लगातार नोटिस दी जा रही थी, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। इस पर बीती 28 फरवरी को नोटिस देकर ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया है। वहीं, सफदर का कहना है कि उसने वर्ष 2002 में मकान बनवाया था। मकान उसके बेटों के नाम पर है। फिर मुझे कैसे नोटिस दे सकते हैं? कहा कि उसका अतीक से कोई संबंध नहीं है। न ही उमेश पाल हत्याकांड में उसके परिवार के सदस्य का हाथ है।
सफदर अली को मकान के ध्वतीकरण के संबंध में पीडीए ने नोटिस भी दे दिया है। इसका मकान नक्शा पास कराए बिना ही बनाया गया है। इसी कारण प्रयागराज विकास प्राधिकरण मकान गिरवा रहा है। मकान को ध्वस्त करने से पहले सारा सामान बाहर निकाल लिया गया है। बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया है। बता दें कि पुलिस को सफदर अली का कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं मिला है, लेकिन जांच में सामने आया है कि उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शूटरों ने यहां रात गुजारी थी।