रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाया
4 महीने में तीसरी बार हुई बढ़ोतरी
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी जानकारी
बिजनेस डेस्क: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगस्त 2022 की बैठक आज शुक्रवार को संपन्न हो गई। बैठक के बाद आज सुबह 10 बजे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इस बार रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है। अब इसका असर लोगों के होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई पर दिखने वाला है।
2023 में देश की जीडीपी 7.2 फीसदी पर बरकररार रहने का अनुमान: गवर्नर
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकररार रहने का अनुमान है। वहीं वित्त वर्ष 2023 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
4 महीने में तीसरी बार हुई बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू करने के लिए इस साल मई महीने से रेपो रेट को बढ़ाने की शुरुआत की है। मई 2022 की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था। उसके बाद जून महीने में मौद्रिक नीति समिति की नियमित बैठक हुई थी, जिसमें रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था। आरबीआई ने मई महीने में करीब दो साल बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव किया था। करीब दो साल तक रेपो रेट महज 4 फीसदी पर बना रहा था। अब रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है।
महंगाई दर
जून के महीने में मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही थी. ये लगातार छठा मौका था, जब महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य सीमा से ऊपर रही थी। जुलाई महीने के आंकड़े अभी आने बाकी हैं। मई के महीने में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी। अप्रैल के महीने में खुदरा मंहगाई दर 7.79 फीसदी दर्ज की गई थी। खाद्य महंगाई दर जून में 7.75 फीसदी रही थी, जो मई महीने में 7.97 फीसदी दर्ज की गई थी।
क्या है एमपीसी
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी यानी एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली मीटिंग में ही रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है। रिजर्व बैंक की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं जिनमें से 3 सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। बाकी 3 सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें आरबीआई गवर्नर भी शामिल हैं।