रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को पूरा एक साल बीत चुका
रूस ने हर दिन 90 करोड़ डॉलर जंग में किए खर्च
अमेरिका दे रहा यूक्रेन को घातक हथियार, 80 देश कर रहे समर्थन
इन्टरनेशनल डेस्क: यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को पूरा एक साल बीत चुका है। अब तक लाखों लोग इस युद्ध की भेंट चढ़ चुके हैं। कई शहर तबाह हो चुके हैं। ये जंग अब भी जारी है और कब तक चलेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है। रूस और यूक्रेन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। पूरा विश्व किसी न किसी रूप से इस जंग से प्रभावित हो रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और अपनी सेना को वापस बुलाने की मांग करने वाला गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव बृहस्पतिवार को पारित कर दिया।
इस युद्ध में अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने गुरुवार को यूक्रेन के लिए इस समूह की ओर से आर्थिक सहायता बढ़ाकर 39 अरब डॉलर कर दी है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मार्च तक इस देश को नया वित्तीय पैकेज देने का आह्वान भी किया ताकि उसे रूस के हमले के प्रभाव से निपटने में मदद मिल सके।
बोरिस ने कहा कि रूस की सरकार का साल 2022 के लिए कुल खर्च का प्लान 346 अरब डॉलर था जिसमें से 46 अरब डॉलर सेना और 36.9 अरब डॉलर पुलिस और फेडरल सिक्यॉरिटी सर्विस पर खर्च किया जाना था। उन्होंने कहा कि पुलिस और एफएसबी का पैसा भी अब सेना को दिया जा रहा है। बोरिस ने अनुमान लगाया है कि 50 फीसदी अधिक खर्च रूस युद्ध में झोक रहा है।
हालांकि अगर घायल सैनिकों के इलाज और यूक्रेन के कब्जा किए गए इलाके में तैनात शिक्षकों पर कुल खर्च को जोड़ दें तो युद्ध का पूरा खर्च 15 ट्रिलियन रूबल तक पहुंच सकता है। वहीं एक अन्य विशेषज्ञ सीन स्पून्ट्स का कहना है कि बोरिस का यह अनुमान काफी कम है और रूस को इससे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।
उधर, रूस ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को ‘बेकार’ बताकर खारिज कर दिया। वहीं वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि UNGA का प्रस्ताव “यूक्रेन के लिए वैश्विक समर्थन का एक शक्तिशाली संकेत” था। अमेरिका ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। व्हाइट हाउस ने कहा कि यूक्रेन को अपना समर्थन दिखाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन वर्षगांठ के मौके पर G7 नेताओं और जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। बाइडेन इस मुलाकात के बाद रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की भी घोषणा कर सकते हैं।
इस सबके बीच, एक अहम बात ये है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जंग को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। पुतिन की योजना जंग को और तेज करने की है। इसका उदाहरण है नई मल्टी-वारहेड अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती की घोषणा। इसी के साथ, पुतिन ने परमाणु हथियारों के नियंत्रण पर अमेरिका के साथ की गई संधि को भी निलंबित कर दिया है।