नैशनल सीरोसर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, देश में मई की शुरुआत तक 64 लाख लोग वायरस से संक्रमित थे
अधिकांश भारतीय आबादी का अभी भी SARS-COV-2 की चपेट में आने का खतरे
देश के 0.73 % युवा आबादी SARS-CoV-2 से प्रभावित हुए थे
नेशनल डेस्क: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा किए गए पहले नैशनल सीरो सर्वे के बहुप्रतीक्षित परिणाम सामने आए हैं। इस सर्वे के दौरान 28,000 लोागें के रक्त के नमूनों की ‘कोविड कवच एलिसा’ किट का इस्तेमाल कर इम्युनोग्लोबिन-जी एंटीबॉडी की जांच की गई। यह सर्वे 11 मई 2020 से चार जून 2020 के बीच किया गया था। इस सर्वे की ICMR में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मई 2020 की शुरुआत तक लगभग 64 लाख लोगों के कोरोना वायरस के संक्रमण में आ चुके थे और रिपोर्ट के मुताबिक देश के 0.73 % युवा आबादी SARS-CoV-2 से प्रभावित हुए थे।
इसमें सबसे अधिक 43.3 प्रतिशत, 18 से 45 आयुवर्ग(age group) में एंटीबॉडी (रोगप्रतिरोधी क्षमता) पाया गया। इसके बाद 46 से 60 वर्ष के 39.5 प्रतिशत लोगों में और 60 से अधिक उम्र वाले 17.2 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बना।
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि ‘हमारे सर्वेक्षण (Survey) के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि भारत में ‘सीरोप्रसार’ कुल रूप से कम था, मई 2020 के बीच तक केवल 1% व्यस्क आबादी ही SARS-COV-2 के संपर्क में थी। वहीं निष्कर्ष से भारत में मई 2020 की शुरुआत तक 64,68,388 लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के संकेत मिले हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अधिकांश जिलों में देखा जाने वाला कम प्रसार दर्शाता है कि भारत महामारी के शुरुआती चरण में है और अधिकांश भारतीय आबादी अभी भी SARS-COV-2 के चपेट में आने का खतरे है। ‘