बेलेश्वर मंदिर हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत
18 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 16 को अस्पताल में भर्ती कराया गया
एसडीआरएफ के 50 और सेना के 75 जवान जुटे हुए
इंदौर. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहा जाने वाला इंदौर गुरूवार को रामनवमी के मौके पर सिहर उठा। बेलेश्वर महादेव मंदिर में हवन पूजन के दौरान अचानक बावड़ी की छत धंस गई, जिसके कारण वहां बैठे करीब 50 लोग बावड़ी के अंदर समा गए। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 35 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। कल दोपहर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रात को भी बचाव अभियान जारी रहा और 16 से अधिक शव निकाले गए।
घटनास्थल पर पुलिस और प्रशासन के तमाम वरीय अधिकारी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों से पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। उनका साफ आदेश है कि जल्द से जल्द रेस्क्यू अभियान को पूरा किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके। इंदौर के कमिश्नर पवन कुमार वर्मा ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 35 शव बरामद किए जा चुके हैं।
18 लोगों को जिंदा निकाला गया है, जिनमें से 16 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके अनुसार, कुछ लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ के 15, एसडीआरएफ के 50 और सेना के 75 जवान जुटे हुए हैं। इंदौर के डीएम इलैया राजा टी. ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं।
केंद्र और राज्य ने मदद की घोषणा की
रामनवमी के मौके पर हुए इस हादसे ने मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान से वास्तिविक स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने घटना पर राहत का ऐलान भी किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में हादसे में मृत लोगों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रूपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई।
An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased in the unfortunate tragedy in Indore today. The injured would be given Rs. 50,000: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 30, 2023
वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से सीएम शिवराज ने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रूपये और घायलों को 50-50 हजार रूपये देने का ऐलान किया है।
कैसे हुआ हादसा ?
गुरूवार को इंदौर के सपना संगीता रोड स्थित स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के मौके पर हवन – पूजन आयोजित किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है। अधिक भीड़ होने के कारण कुछ लोग मंदिर की बावड़ी के ऊपर बने छत पर जा बैठे थे। उसी दौरान अचानक बावड़ी की छत धंस गई और देखते-देखते कई लोग उसमें समा गए। करीब 40 फीट गहरी बावड़ी में 7 फीट तक पानी था। इसके ऊपर बने छत के धंसते ही घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गई। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।
एसडीआरएफ के डीआईजी महेंशचंद्र जैन ने बताया कि बावड़ी में पानी अधिक होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी हो रही थी। इसलिए पहले बावड़ी से पानी को कम किया गया, फिर से बचाव अभियान चालू किया गया। मृतकों में अब तक 12 लोगों की पहचान हो पाई है, जिनमें महिला और बुजुर्ग भी शामिल हैं।