रानिल विक्रमसिंघे को चुना गया श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति
रानिल विक्रमसिंघे को मिला 134 सांसदों का समर्थन
इंटरनेशनल डेस्क: आर्थिक बदहाली से त्रस्त श्रीलंका में आज रानिल विक्रमसिंघे को देश का अगला राष्ट्रपति चुना गया है। संसद में हुए गुप्त मतदान में उन्होंने सबसे अधिक सांसदों का समर्थन हासिल किया। विक्रमसिंघे गोटबाया राजपक्षे के पद छोड़ने के बाद श्रीलंका के एक्टिंग प्रेसीडेंट की भूमिका निभा रहे थे। वह इससे पहले छह बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
इतने सांसदों का मिला समर्थन
223 सांसदों वाली श्रीलंकाई संसद में रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि उनके निकटतम प्रतिदवंदी दुलस अल्हाप्परुमा को 82 सांसदों का समर्थन मिला। इस दौरान चार सांसदों का वोट अवैध घोषित कर दिया गया। संसद में 44 बाद गुप्त मतदान हुआ है। 1978 के बाद पहली बार देश में राष्ट्रपति का चुनाव जनादेश के माध्यम से नहीं बल्कि गुप्त मतदान के माध्यम से हुआ है।
काफी संकट में देश: रानिल
मीडिया के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि देश काफी मुसीबत की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि आगे और बड़ी चुनौती है। गौरतलब है कि श्रीलंका में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी के बाद लोग सड़कों पर उतर आए और राजनीतिक उथल पुथल तथा देश में फैले अराजकता के माहौल के बीच गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान के जरिए कराया गया।
श्रीलंकाई राजनीति में काफी अनुभवी नेता हैं विक्रमसिंघे
रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंकाई राजनीति का एक दिग्गज चेहरा है। उनके पास सियासत का लंबा अनुभव है। वह छह बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और दो बार राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। रानिल 1977 में पहली बार आम चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। 1993 में वह पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। सियासत में आने से पहले वह एक पत्रकार और वकील रह चुके हैं। वह नवंबर 2024 तक पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के शेष कार्यकाल के लिए पद पर रहेंगे।