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हिमाचल प्रदेश में सुक्खू के सीएम बनते ही बंद हो गए थे

  • हिमाचल की कांग्रेस सरकार भी अडानी समूह से डील में कामयाब

  • सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सीएम बनते ही बंद हो गए थे कारखाने 

  • अडानी समूह ने खारिज कर दिया था प्रस्ताव 

National Desk:  हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के एसीसी और अंबुजा सीमेंट के कारखानों में तालाबंदी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहल पर इन कारखानों और ट्रक ऑपरेटरों के बीच चल रहा विवाद सुलझ गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में अडानी समूह के प्रतिनिधियों और ट्रक ऑपरेटरों ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक के दौरान विवाद को सुलझाने पर सहमति बन गई।

बैठक के बाद अडानी समूह के प्रतिनिधियों ने बरमाणा और दाड़लाघाट स्थित दोनों कारखानों को खोलने का ऐलान कर दिया। इन दोनों कारखानों में करीब 68 दिनों से तालाबंदी चल रही थी जिससे हिमाचल प्रदेश को भी राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अडानी समूह की पिछले दिनों हुई डील के बाद सुक्खू की ओर से उठाए गए इस कदम की सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है।

सुक्खू के सीएम बनते ही बंद हो गए थे कारखाने 

दोनों पक्षों के बीच सुलह होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों को सुना है। उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के पांच दिनों बाद ही इन दोनों कारखानों में उत्पादन बंद हो गया था।

उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए इसलिए गंभीर थी क्योंकि हिमाचल प्रदेश के काफी संख्या में ट्रांसपोर्टरों के साथ ही प्रदेश के हजारों लोगों की रोजी-रोटी इन कारखानों के साथ जुड़ी हुई थी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इसीलिए सरकार की ओर से इस दिशा में कदम उठाया गया और सार्थक बातचीत के बाद अडानी समूह और ट्रांसपोर्टरों के बीच सीमेंट की धुलाई को लेकर पैदा हुए विवाद को पूरी तरह सुलझा लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बैठक के दौरान सीमेंट ढुलाई की दरों पर भी सहमति बन गई है। उन्होंने बताया कि बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अब छह टायर वाले ट्रकों के लिए 10 रुपए 30 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल की दर तय की गई है जबकि 12 टायर वाले ट्रकों के लिए 9 रुपए 30 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल की दर तय की गई है। उन्होंने कहा कि सोलन और बिलासपुर के अफसरों को ट्रक ऑपरेटरों से जुड़े अन्य मसलों के समाधान का निर्देश भी दिया गया है।

दाड़लाघाट ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल के बाद सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ट्रांसपोर्टरों की सारी मांगे अभी पूरी नहीं हो सकी हैं मगर हमें उम्मीद है कि कंपनी की ओर से ठोस पहल करके अन्य मसलों को भी जल्द सुलझाया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को सत्ता से बेदखल करते हुए कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी। प्रदेश में सुक्खू सरकार के गठन के 5 दिन बाद ही हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के दोनों सीमेंट कारखानों में उत्पादन बंद हो गया था।

कारखानों में तालाबंदी के कारण हजारों ट्रक बेकार खड़े थे जबकि करीब 35 हजार लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा था। ट्रक ऑपरेटरों की ओर से सीमेंट ढुलाई के लिए रखी गई दरों को अडानी समूह ने खारिज कर दिया था।

दोनों कारखानों में उत्पादन ठप होने के कारण प्रदेश सरकार के राजस्व को रोजाना दो करोड़ रुपए की चपत लग रही थी। अब तक राज्य सरकार को करीब 135 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लग चुकी है।

इस कारण सुक्खू सरकार की पहल पर हुए समझौते को काफी अहम माना जा रहा है। इसे पूर्व राजस्थान की गहलोत सरकार भी अडानी समूह के साथ बड़ी डील कर चुकी है। अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी अडानी समूह से डील करने में कामयाबी हासिल की है।

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