नेशनल डेस्क: EVM पर पार्टियों और उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न न लगाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये दलीलें चुनाव आयोग को बताएं।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुझाव
चीफ जस्टिस यूयू ललित ने EVM से राजनीतिक दलों (Political parties) के चुनाव चिह्न हटाकर प्रत्याशी की फोटो लगाने की मांग पर कहा कि चुनाव चिह्न किसी भी प्रत्याशी (Candidates) की पहचान होती है। CJI ललित (CJI UU Lalit) ने सवाल किया कि कोई भी प्रत्याशी बिना चुनाव चिह्न (Electoral Symbol) के अपनी पार्टी को कैसे रिप्रेजेंट करेगा, जबकि चुनाव चिह्न से ही वह पार्टी का प्रतिनिधि (Representative) माना जाता है। सीजीआई ने मामले को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) के पास जाने का सुझाव दिया है।
आपराधिक रिकॉर्ड का मामला बढ़ रहा
याचिकाकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को लेकर कहा कि अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या और उनके कारनामों का आंकडा भी बढ़ता जा रहा है। वकील ने कहा कि ऐसे में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा करना आवश्यक होगा।
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ब्राजील उद्हारण
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में चुनाव चिह्न हटाने को लेकर दलील दी है। सीनियर एडवोकेट विकास सिंह कहा कि अगर किसी उम्मीदवार को मतदाता देखकर समझ लेता है, तो सिस्टम में बेहतर लोग आएंगे। पार्टी बेहतर लोगों को टिकट देने के लिए मजबूर होंगी। वकील ने ब्राजील का उद्हारण दिया। उन्होंने बताया कि ब्राजिल में ऐसे ही होता है।