उत्तर प्रदेश के कुछ न्यायिक अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी अदालत
इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए नामों की अनुशंसा न करने पर सवाल उठाए थे सवाल
प्रधान न्यायाधीश अरविंद बोबडे ने कहा पहले कभी नहीं देखा ऐसा मामला
नेशनल डेस्क: एक दुर्लभ मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने आप को नोटिस जारी किया। अदालत उत्तर प्रदेश के कुछ न्यायिक अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कॉलेजियम के जरिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए उनके नामों की अनुशंसा न करने पर सवाल उठाए गए थे। सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि ‘मैंने अपनी जिंदगी में किसी को सुप्रीम कोर्ट आकर यह कहते हुए नहीं देखा कि मुझे हाई कोर्ट का जज बना दो।’
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई व्यक्ति याचिका दायर करके यह कहे कि उसे उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया जाना चाहिए, बहुत ही अनुचित है। पीठ ने कहा कि कोई भी यह कहकर उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नहीं बन सकता कि वह बनना चाहता है। हालांकि, पीठ याचिका पर सुनवाई के लिये सहमत हो गयी और उसने अपने सेक्रेटरी जनरल, केंद्र तथा अन्य को नोटिस जारी किए। पीठ ने इस मामले में फिर से विचार के लिये दायर याचिका पर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
नोटिस जारी करने के बाद प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की, ‘यह एकदम नयी बात है। मैं नहीं समझता कि किसी को भी यहां आकर यह कहना चाहिए कि मुझे उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया जाए।’ पीठ ने कहा, ‘आप यह कह कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नहीं बनते कि मैं बनना चाहता हूं। हम इसे बहुत ही अनुचित मानते हैं कि कोई याचिका दायर करे और कहे कि मुझे उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया जाए।’ सात याचिकाकर्ताओं में से एक उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी हैं।