सुप्रीम कोर्ट ने आज संशोधित हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत कहा कि बेटियों का भी अपने पिता की सम्पत्ति पर आधा हिस्सा होता है। जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। इसमें कहा गया है कि एक पिता अपनी बेटी को उसी तरह पाल पोस कर बड़ा करता है। जिस तरह बेटे को करता है। ऐसे में उसे सम्पत्ति के अधिकार में अनदेखा नहीं किया जा सकता है। बेटियां भी अपने पिता की प्रोपर्टी में हिस्सेदार हैं। प्रोपर्टी में हिस्सा मिलना या न मिलना बेटी की शादी होने पर निर्भर नहीं करता है।
दरअसल 2005 में यह कानून बना था कि बेटा और बेटी दोनों का अपने पिता की प्रोपर्टी पर अधिकार होता है। बशर्ते पिता उन्हें अपनी इच्छा से प्रोपर्टी का हिस्सेदार बनाना चाहें। लेकिन इस कानून में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि 2005 से पहले अगर पिता की मृत्यु हुई हो तो यह संशोधित कानून उस पर लागू होगा या नहीं।
Supreme Court in its order says that a daughter is entitled to equal property rights under the amended Hindu Succession Act. pic.twitter.com/LfMWOAxNxx
— ANI (@ANI) August 11, 2020
इस पर आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कानून हर स्थिति में लागू होता है। इसका मतलब यह हुआ कि 2005 से पहले अगर किसी के पिता की मृत्यु हो जाती है। तो भी वह इस कानून से लाभ ले सकता है। न्यूज़ ब्यूरो एएनआई ने इस बात की पुष्टि ट्वीट कर की।