केंद्र सरकार ने किया नोटबंदी का बचाव
रिजर्व बैंक ने की थी सिफारिश – केंद्र
नोटबंदी से लोगों को हुई थी परेशानी
5 जजों की पीठ कर रही है सुनवाई
नेशनल डेस्क: भारत सरकार (Indian Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नोटबंदी (Demonetisation) का बचाव किया है। सरकार की ओर से कहा गया कि टैक्स चोरी रोकने और काले धन पर लगाम लगाने के लिए लागू की गई सोची-समझी योजना थी। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि नकली नोटों की समस्या से निपटना और आतंकवादियों (Terrorists) की फंडिंग को रोकना भी इसका मकसद था। सरकार ने बताया था कि नोटबंदी की सिफारिश रिजर्व बैंक ने की थी। नोटबंदी को काफी चर्चा और तैयारी के बाद लागू किया गया था।
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पीएम ने की थी घोषणा
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi, ) ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को वापस लेने का की घोषणा की थी। जिसके बाद से लोगों को कुछ दिनों तक करेंसी नोट की कमी की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा था।
क्या हुई थी परेशानी?
नोटबंदी के ऐलान के बाद से बैकों के आगे लंबी कतारें देखने को मिल रही थी। केंद्र सरकार (Central Government) के इस फैसले के बाद से नोटबंदी के 30 से ज्यादा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि बिना तैयारी के लागू हुई इस योजना के चलते लोगों को बहुत तकलीफ उठानी पड़ी।इससे लोगों के संवैधानिक अधिकारों का भी हनन हुआ है।
5 जज कर रहे हैं सुनवाई
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस फैसले के लिए पहले किस तरह प्रक्रिया अपनाई गई? केंद्र सरकार ने जवाब में कहा है यह फैसला आर्थिक और मौद्रिक नीति का हिस्सा है। इसकी समीक्षा कोर्ट में नहीं की जानी चाहिए।
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रिजर्व बैंक ने की थी सिफारिश
वहीं, सरकार ने यह दावा भी किया है कि नोटबंदी का फैसला उसका अकेले का नहीं था। नोटबंदी की सिफारिश रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने की थी। जिसके बाद बहुत सोच विचार कर यह फैसला लिया गया और नोटबंदी लागू किया गया। पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।