उपचुनाव प्रचार में बीजेपी ने झोंकी ताकत
सपा अध्यक्ष ने चुनाव प्रचार से बनाई दूरी
शाम 5 बजे थम जाएगा चुनाव प्रचार
यूपी: देश की तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर 23 जून को उपचुनाव होने हैं। आज यहां प्रचार का आखिरी दिन है, शाम 5 बजे यहां प्रचार थम जाएगा। 26 जून को नतीजे आएंगे। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट की हो रही है। ये दोनों सीटें 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खाते में गईं थीं। आजमगढ़ लोकसभा सीट अखिलेश यादव और रामपुर लोकसभा सीट आजम खान के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।
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आजमगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। यहां बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली उम्मीदवार हैं। यहां भी धर्मेंद्र यादव के प्रचार के लिए अखिलेश यादव नहीं पहुंचे हैं, जबकि बीजेपी के बड़े नेता-मंत्री सभी रामपुर और आजमगढ़ में डेरा डालकर बैठे हुए हैं। वे लगातार उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी एक रैली कर चुके हैं, जहां वह आजमगढ़ को आर्यमानगढ़ बनाने की मांग उठा चुके हैं। इसके अलावा सोमवार को उलेमा काउंसिल में बीएसपी उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान किया है।
रामपुर लोकसभा सीट पर वैसे छह कैंडिडेट मैदान में है, लेकिन समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में सीधी जंग देखने को मिल रही है। यहां से इस बार सपा से आजम के करीबी आसिम राजा मैदान में है। वहीं भाजपा से पूर्व एमएलसी घनश्याम सिंह लोधी कैंडिडेट है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को रामपुर आकर जनसभा कर रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव ने सपा को जिताने की सारी जिम्मेदारी आजम खान के हाथों में दे दी है। हालांकि समाजवादी पार्टी का मानना है कि अखिलेश के प्रचार न करने से कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है और सपा आसानी से रामपुर और आजमगढ़ दोनों जगह जीत हासिल कर रही है।
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