वायु प्रदूषण से हो सकती हैं ये बीमारियां
आइए जानते हैं वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के बारे में
घर से बाहर निकलते समय आंखों का पूरा ध्यान रखें
Air Pollution: सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ने का चांस ज्यादा हो जाता है। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद ही ख़राब हो गई है। जिसके कारण आम लोगों के लाइफ पर बुरा असर पड़ रहा है। लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के बारे में:
अस्थमा
अस्थमा यह एक सांस संबंधी रोग है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है, सीने में दबाव महसूस होता है और खांसी भी होती है। दरअसल ऐसा तब होता है, जब व्यक्ति की श्वसन नलियों में अवरोध पैदा होने लगता है। बता दें ये रुकावट एलर्जी (हवा अथवा प्रदूषण) और कफ से आती है। वहीं कई रोगियों में ऐसा भी देखा गया है कि श्वसन मार्ग में सूजन भी हो जाता है। इसलिए प्रदूषण से बचने की कोशिश करें।
निमोनिया
वायु प्रदूषण के कारण निमोनिया की बीमारी हो सकती है क्योंकि हवा की थैली तरल पदार्थ से भर जाती है जिससे खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में कठिनाई होती है। ऐसे में इनडोर वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचपन में निमोनिया होने का खतरा दोगुना हो जाता है। जानकारी के लिए बता दे निमोनिया से होने वाली मौतों में से लगभग 45%, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होती हैं। वहीं इनडोर वायु प्रदूषण भी वयस्कों में तीव्र कम श्वसन समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है।
फेफड़े
दरअसल वायु प्रदूषण के कारण फेफड़े संबंधित बीमारी होती है क्योंकि लंबे समय तक प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वालों के फेफड़े की क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में इस तरह के जोखिमों से बचाव और फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना एक बेहतर विकल्प होगा। प्रदूषण फेफड़ों को कमजोर बना सकता है, इसलिए जितना हो सके इससे बचने की कोशिश करें।
आंख
वायु प्रदूषण के कारण आंख से जुड़ी बीमारी हो सकती है। दरअसल प्रदूषण का प्रभाव आंखों पर भी पड़ता है। जिसके कारण आंख से पानी आना, जलन और दर्द आदि हो जाती है। ऐसे में जितना हो सके प्रदूषण से बचें। घर से बाहर निकलते समय आंखों का पूरा ध्यान रखें।