प्रयागराज में गंगा-यमुना ने मचाई तबाही
निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
बाढ़ में फंसे 26 लोगों को NDRF ने निकाला
प्रयागराज: पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और दूसरे राज्यों से गंगा और यमुना में बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जिसका असर अब संगम नगरी प्रयागराज में दिखने लगा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां उफान पर है। दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही है और अब जबरदस्त तबाही मचाने लगी हैं। खतरे के निशान के ऊपर बहने के बाद भी दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि दोनों नदियों का जलस्तर अभी तीन दिनों तक और बढ़ेगा। जिससे शहर तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्ले में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं बाढ़ में फंसे लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू करते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। डीएम प्रयागराज संजय खत्री ग्राउंड जीरो पर उतरकर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। उनके साथ शहर उत्तरी से भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई भी एनडीआरएफ की नाव के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।
प्रयागराज में आई बाढ़ की वजह से कई रिहायशी बस्तियों में पानी भरा हुआ है। कई रास्ते व सड़कें बाढ़ के पानी में समा गई हैं।जिन सड़कों पर कुछ दिनों पहले तक वाहन तेजी से फर्राटा भरते थे, वहां अब नावें चल रही है। संगम के आसपास का पूरा इलाका ही बाढ़ के पानी में डूब गया है। तमाम मठों-मंदिरों व आश्रमों मे बाढ़ का पानी समाया हुआ है। गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने की कामना के साथ रोजाना प्रयागराज आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को अब सड़क पर बह रही गंगा में ही डुबकी लगाकर या आचमन करके मायूसी के बीच वापस जाना पड़ रहा है।
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गंगा के किनारे के दारागंज, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, करेलाबाग, गौस नगर, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, रसूलाबाद, राजापुर, गंगानगर, अशोकनगर, द्रौपदी घाट, नीवा, जेके कॉलोनी समेत तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्ले तालाब बने हुए हैं। कई जगहों पर तो मकानों की पूरी एक मंजिल तक डूब गई है। सड़कों और गलियों में नावे चल रही है। बाढ़ में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम भी बुला ली गई है। एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी के साथ बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर रेस्क्यू करते हुए लोगों को सुरक्षित निकाल रही हैं। हालांकि शहरी इलाका होने की वजह से बाढ़ में फंसे हुए लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि रास्ता कहीं नजर नहीं आ रहा है और जगह-जगह मकानों का निर्माण हुआ है। बाढ़ प्रभावित लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ा है और वह भी अब भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द दोनों नदियों का जलस्तर कम हो।
हालांकि डीएम प्रयागराज संजय खत्री ग्राउंड जीरो पर उतरकर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। उनके साथ शहर उत्तरी से भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई भी एनडीआरएफ की नाव के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। डीएम के मुताबिक अभी 3 दिन और जल स्तर बढ़ने की संभावना है। ऐसे में गंगा और यमुना नदियां 86 मीटर का लेवल पार कर सकती हैं। डीएम ने बाढ़ में फंसे लोगों से अपील की है कि समय रहते सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। उन्होंने कहा है कि बाढ़ ग्रस्त लोगों के लिए आपदा राहत शिविर खोले गए हैं। लोग आपदा राहत शिविरों में भी जाकर रह सकते हैं। वहां पर लोगों के लिए बिजली, पानी, टॉयलेट सभी इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही नाश्ते भोजन और बच्चों के लिए दूध का भी इंतजाम किया गया है। डीएम के मुताबिक जिन क्षेत्रों में पानी भर गया है। वहां पर प्रशासन की ओर से नावें मुहैया कराई गई हैं।
वहीं शहर उत्तरी से बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने कहा है कि सरकार बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद कर रही है उन्होंने कहा है कि हर साल बाढ़ से होने वाली तबाही से बचाने के लिए बांध बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन उसकी तकनीकी फीजिबिलिटी सही नहीं पाई गई। उन्होंने कहा है कि अब छोटे छोटे बांध बनाकर बाढ़ के खतरे को कम करने की कोशिश की जाएगी। बीजेपी विधायक ने कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि पूरी प्रशासनिक मशीनरी बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगी है और एनडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है।
प्रयागराज से अखबारवाला.कॉम के लिए सैय्यद आकिब रजा की रिपोर्ट।
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