सूर्योदय से लेकर जानें सूर्यास्त तक का समय
ग्रहों की स्थिति के चलते बन रहा है ये खास योग
धर्म डेस्क:सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य की शुरुाआत पंचांग देखकर की जाती है। इसमें तिथि से लेकर योग, करण आदि के बारे में वर्णन मिलता है। पंचांग को तालिका भी कहा जाता है। तालिका का अर्थ, अनेक प्रकार के समय, तिथियों आदि पर आकाश में खगोलीय वस्तुओं की दशा व स्थिति के विश्लेषण से है। अगर पंचांग के मुख्य अंगों के बारे में बात करें तो तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण इसके पांच मुख्य अंग है। प्राचीन समय से लेकर वर्तमान समय तक खगोलशास्त्र तथा ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न प्रकार के पंचांगों का प्रयोग आ रहा है।
कहा जाता है प्राचीन समय में कई संस्कृतियों ने पंचांग बनाया है। तो वहीं शास्त्र बताते हैं कि सूरज, चन्द्रमा, तारों, नक्षत्रों और तारामंडलों की दशाओं का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में गहरा महत्व होता था।
यहीं कारण है कि सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य खासतौर पर किसी भी विशेेष कार्यक्रम को करने से पूर्व प्राचीन काल से शुभ और अशुभ समय को देखने के लिए इस्तेमाल होता आ रहा उस दिन का पंचांग यानि आज का पंचांग देखा जाता है। यहां तक की शादी विवाह, नया व्यापार, घर प्रवेश और तमाम सभी विशेष कार्यक्रम में पंचांग को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।
तो आइए जानते हैं क्या कहता है आज का पंचांग-
सूर्योदय- 06:22 ए एम
सूर्यास्त- 06:59 पी एम
चन्द्रोदय- 11:25 ए एम
चन्द्रास्त- 11:13 पी एम
शक सम्वत- 1942 शर्वरी
विक्रम सम्वत- 2077 प्रमाथी
गुजराती सम्वत- 2076 विरोधकृत्
अमान्त महीना- भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना- भाद्रपद
वार- सोमवार
पक्ष- शुक्ल पक्ष
तिथि- षष्ठी – 02:31 पी एम तक
नक्षत्र- स्वाती – 03:20 पी एम तक
योग- ब्रह्म – 12:30 ए एम, अगस्त 25 तक
करण- तैतिल – 02:31 पी एम तक
द्वितीय करण- गर – 01:23 ए एम, अगस्त 25 तक
सूर्य राशि- सिंह
चन्द्र राशि- तुला
राहुकाल- 07:56 ए एम से 09:31 ए एम
गुलिक काल- 02:15 पी एम से 03:50 पी एम
यमगण्ड- 11:06 ए एम से 12:41 पी एम
अभिजित मुहूर्त- 12:15 पी एम से 01:06 पी एम
दुर्मुहूर्त- 01:06 पी एम से 01:56 पी एम
दुर्मुहूर्त- 03:37 पी एम से 04:28 पी एम
अमृत काल- 07:11 ए एम से 08:40 ए एम
अमृत काल– 05:41 ए एम, अगस्त 25 से 07:11 ए एम, अगस्त 25
वर्ज्य- 08:37 पी एम से 10:08 पी एम