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Umesh Pal Murder: उमेश पाल मर्डर में निकला मुख्तार गैंग का कनेक्शन, शूटरों की तलाश जारी

  • उमेश पाल हत्या मामले में शूटरों की तलाश जारी

  • उमेश पाल मर्डर में निकला मुख्तार गैंग का कनेक्शन

  • अतीक के करीबियों से भी हो रही पूछताछ 

Up Desk. बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों की तलाश जोर-शोर से जारी है। हत्या में नामजद शूटरों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ लगातार दबिश दे रही है। अब तक 14 स्थानों से 40 से अधिक संदिग्ध उठाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं, जिनका माफिया अतीक के गिरोह से कोई न कोई संबंध जरूर रहा है। एसटीएफ ने उन 9 लोगों की भी पहचान कर ली है, जिन्होंने घटना को अंजाम दिया था। उनके धरपकड़ के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।

उमेश पाल मर्डर में निकला मुख्तार गैंग का कनेक्शन 

उमेश पाल के हत्यारों के खोजबीन में लगी यूपी पुलिस और एसटीएफ को एक बड़ी जानकारी हाथ लगी है। जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि कुछ दिनों पहले जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के करीबी रिश्तेदार मंसूर ने प्रदेश के अलग-अलग जेलों में बंद अतीक अहमद के भाई और बेटे से मुलाकात की थी। माफिया अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में और बेटा अली अहमद प्रयागराज जेल में बंद है। एसटीएफ ने इस संबंध में दोनों जेलों से ब्यौरा मांगा है।

दरअसल, पूर्वांचल के बाहुबली और माफिया मुख्तार अंसारी और प्रयागराज में आतंक मचा कर रखने वाला माफिया अतीक अहमद के परिवारों के बीच गहरी दोस्ती है। इसलिए पुलिस और एसटीएफ को शक है कि इस हत्याकांड में मुख्तार का गिरोह भी शामिल हो सकता है। लिहाजा अब मुख्तार के करीबी भी रडार पर हैं। उनमें से जल्द कुछ लोगों से पूछताछ की जा सकती है।

घटना का नया सीसीटीवी फुटेज आया सामने

इस बीच उमेश पाल हत्याकांड का एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। फुटेज में नजर आ रहा है कि एक बदमाश पाल के घर के बगल में मौजूद बिजली की दुकान पर कुछ खरीदने के बहाने 10 मिनट से इंतजार कर रहा होता है। जैसे ही उमेश पाल की गाड़ी पहुंचती है और वो बाहर निकलते हैं, शख्स पिस्टल से फायरिंग करने लगता है। कुछ बदमाश सड़क की दूसरी ओर पैदल खड़े थे।

इससे साफ स्पष्ट है कि घटना की पूरी प्लानिंग की गई थी। कोर्ट से लेकर घर तक बदमाशों ने पूरा जाल बिछा रखा था। अगर प्लान ए किसी कारणवश फेल भी जाता तो उनके पास प्लान बी मौजूद था। घटना को अंजाम देने के बाद वहां आसपास मौजूद सभी बदमाश फरार हो गए। उमेश पाल को 7 गोलियां मारी गई थी, जिसमें से 6 उनके शरीर के आरपार हो गई। हमलावरों ने इतनी तेजी से घटना को अंजाम दिया गया कि सुरक्षा में तैनात दो अंगरक्षकों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

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