जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार दोषी करार
उच्च न्यायालय ने सुनाई दो साल की सजा
बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
लखनऊ: बाहुबली मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने जेलर को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को आज बुधवार को दोषी करार दिया है और उसे दो साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए पारित किया है। इस मामले में निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी।
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मामले में वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। साथ ही अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया था कि अंसारी ने उन्हें अपशब्द कहते हुए उन पर पिस्टल भी तान दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। अब कोर्ट ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को दो साल कैद की सजा सुना दी है।
बता दें कि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है। राज्य की योगी सरकार का लगातार मुख्तार अंसारी परिवार उसके करीबी गुर्गों पर शिकंजा कसता जा रहा है। योगी सरकार ने मुख्तार और उसके परिवार की अरबों की संपत्तियों को जब्त किया है। मुख्तार अंसारी पर किसी ना किसी मामले को लेकर केस दर्ज होता रहा है। इसी साल जुलाई में 31 साल पुराने चर्चित अवधेश राय हत्याकांड की मूल केस डायरी गायब होने को लेकर भी मुख्तार अंसारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
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