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UP News: कौशाम्बी जिले के दारानगर का दो दिवसीय ऐतिहासिक कुप्पी युद्ध का आगाज, 242 वर्षों से चली आ रही परम्परा

  • दो दिवसीय ऐतिहासिक कुप्पी युद्ध का आगाज

  • 242 वर्षों से चली आ रही परम्परा

  • राम और रावण सेना के बीच करेगी वास्तविक युद्ध

यूपी डेस्क: यूपी के कौशांबी जिले में दो दिवसीय ऐतिहासिक 243 वां कुप्पी युद्ध आज आगाज हो गया है। इस युद्ध को आयोजन दारानगर की रामलीला का कुप्पी युद्ध में किया गया हैं। ये युद्ध 243 वर्षों से आज भी लगातार बिना रुके चल रहा है। यहां की रामलीला देखने के लिए आसपास के इलाके में से बड़ी तादाद में लोग होते हैं। राम और रावण सेना के बीच वास्तविक युद्ध करेगी। राम और रावण सेना के बीच युद्ध आज यानी बुधवार और कल बृहस्पतिवार को होगा।

242 वर्षों से चली आ रही ये परम्परा

यहां की रामलीला अनवरत 242 वर्षों से बिना किसी बाधा के परंपरा अनुसार होती चली आ रही है कुप्पी युद्ध का रोमांच ही ऐसा होता है कि इसे देखने के लिए दर्शक खुद ब खुद मैदान में खींचे चले आते हैं। दो दिवसीय कुप्पी युद्ध में पहले दिन काले कपड़ों में सभी रावण की होती है और रावण सेना की जीत होती है तो दूसरे दिन लाल कपड़े में युद्ध करने वाले राम की सेना असत्य पर सत्य की जीत का विजय पर्व मनाती है।

कुप्पी युद्ध का नजारा देख ऐसा लगता है कि वास्तव में युद्ध हो रहा है युद्ध में राम और रावण की सेना आमने-सामने होती है आमना सामना होने पर दोनों सेनाओं के बीच प्लास्टिक की कुप्पी से युद्ध होता है आयोजकों की सीटी बजाते ही राम रावण दोनों ही दल के सेनानी जिस तरह एक दूसरे पर टूट पड़ते हैं उसे देखकर दर्शक रोमांच से भर उठते हैं।

दो दिनों में होते है सात बार होता है युद्ध

दारा नगर की रामलीला में कुप्पी युद्ध के लिए 2 दिन में 7 राउंड दोनों दलों के बीच कुप्पी युद्ध होता है। पहले दिन की चारों लड़ाई रावण सेना जीतती है। दूसरे दिन 3 लड़ाई होती है यह तीनों लड़ाई जीतकर राम की सेना विजयदशमी का पर्व मनाती है दोनों दिन में सभी सात युद्ध 10 मिनट के होते हैं राम व रावण दोनों ही दल ने 25-25 सेनानी होते हैं युद्ध इतना विकराल होता है कि देखने वालों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं युद्ध में सेनानी घायल भी हो जाते हैं लेकिन रणभूमि की मिट्टी ही इनके लिए दवा का काम करती है सेनानी बताते हैं कि युद्ध में शामिल होना उनके लिए गौरव की बात है।

रामलीला में रावण का वध एकादशी को किया जाता है: पण्डित

पण्डित नील कमल मिश्रा ने बताया कि पूरे भारत में दशहरा के दिन ही रावण को मारा जाता है उसका पुतला दहन किया जाता है लेकिन दारा नगर के ऐतिहासिक रामलीला में रावण का वध एकादशी को किया जाता है क्योंकि रावण एक बहुत बड़ा विद्वान था और विद्वान होने के साथ-साथ ब्राह्मण था और ऐसा शास्त्रों में लिखा गया है एकादशी के दिन जिसकी मृत्यु होती है वह सीधे बैकुंठ को प्राप्त करता है इस प्रकार से दारानगर के ऐतिहासिक रामलीला में रावण का वध एकादशी को किया जाता है।

दारा नगर के ऐतिहासिक कुप्पी युद्ध में पहले प्लास्टिक की कुप्पी की जगह खाल की कुप्पी बनाई जाती थी लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदला वैसे वैसे कुप्पी युद्ध का स्वरूप बदला अब प्लास्टिक की कुप्पी का इस्तेमाल किया जाता है प्लास्टिक की कुप्पी के इस्तेमाल से अब राम और रावण सेना के बीच जो युद्ध होता है उसमें कोई घायल नहीं होता।

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