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उत्तराखंड:CM धामी ने पलटा त्रिवेंद्र सरकार का फैसला, चारधाम देवस्थानम बोर्ड किया भंग

देहरादून:  बीते कई दिनों से उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में बना देवास्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया गया है। इससे पहले देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप थी। मनोहरकांत ध्यानी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री धामी ने महाराज की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई थी।


कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और यतीश्वरानंद को कमेटी का सदस्य बनाया गया। सब कमेटी ने कुछ ही घंटों में सिफारिश सीएम को सौंप दी थी । मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पंडा, पुरोहितों और पुजारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा है। उधर, सीएम ने कहा कि एक-दो दिन में इस संदर्भ में निर्णय ले लिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को निराश नहीं करेगी।

उल्लेखनीय है कि त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 के तहत एक बोर्ड का गठन कर चार धामों के अलावा 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया था। सरकारी नियंत्रण में बोर्ड मंदिरों के रखरखाव और यात्रा के प्रबंधन का जिम्मा लेता था।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का केदारनाथ में हुआ था विरोध

केदारनाथ धाम में दर्शन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का तीर्थ पुरोहितों ने भारी विरोध किया। भारी विरोध के कारण वे दर्शन नहीं कर पाए। त्रिवेंद्र बिना दर्शन के ही वापस लौट गए। जबकि भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने विरोध के बीच दर्शन किए। श्री केदारनाथ धाम में मंगलवार को दर्शन को पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का तीर्थ पुरोहितों ने करीब दो घंटे विरोध किया। काले झंडे दिखाए गए। जमकर नारेबाजी की गई।

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