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‘महिला आरक्षण बिल’, जंतर-मंतर पर धरना देंगी BRS की के कविता, 11 मार्च को ईडी करेगी पूछताछ

  • 10 मार्च को दिल्ली में धरना

  • महिलाओं को 33% आरक्षण की मांग

  • महिला आरक्षण बिल बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा

नेशनल डेस्क: केंद्रीय एजेंसी ईडी के समन को टालने के बाद तेलंगाना सीएम केसीआर की एमएलसी बेटी के कविता दिल्ली में अनशन कर रही हैं। बीआरएस के नेता और कार्यकर्ता राजधानी में जंतर मंतर पर महिला आरक्षण बिल की मांग को लेकर हंगर स्ट्राइक कर रहे हैं। यहां कविता भी पहुंची हैं। मीडिया को संबोधित करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा कि विधेयक वर्ष 2010 से ही ठंडे बस्ते में है और मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक मौका है कि 2024 से पहले इसे संसद से पारित कराए।

                           कविता के तेवर बरकरार, ED के सामने पेश होने से पहले आज जंतर-मंतर पर करेंगी अनशन

एमएलसी के कविता ने कहा, “जब कोई एजेंसी किसी महिला से पूछताछ करना चाहती है, तो उसका मौलिक अधिकार है कि वह उसके घर पर की जाए। इसलिए, मैंने ईडी से अनुरोध किया कि वे 11 मार्च को मेरे घर जांच के लिए आ सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे उनके ऑफिस आना होगा।”

बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता महिला आरक्षण बिल संसद में पेश करवाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर आज यानि 10 मार्च को धरना देने वाली हैं। यह धरना दिन भर चलेगा। इसे 10 पार्टियों का समर्थन हासिल है। वह लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर हैं।

                          BRS MLC K Kavitha Bharat Rashtra Samithi leader K Kavita Womens Reservation Bill protest Jantar Mantar ED summoned Women's Reservation Bill: 'महिला आरक्षण बिल', कल जंतर-मंतर पर धरना देंगी BRS की के कविता, 11 मार्च को ईडी करेगी पूछताछ

गौरतलब है कि महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रावधान है। इस विधेयक को मई 2008 में राज्यसभा में पेश किया गया, जहां से इसे स्थायी समिति के पास भेज दिया गया। वर्ष 2010 में राज्यसभा ने विधेयक को मंजूरी दे दी और इसे लोकसभा की मंजूरी के लिए भेजा गया। हालांकि, 15वीं लोकसभा भंग होने की वजह से विधेयक की मियाद खत्म हो गई।

                       

कविता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 और 2019 के आम चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार यह विधेयक लाएगी और यह भारतीय जनता पार्टी  के चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल है। उन्होंने कहा कि किसी भाजपा नेता ने यह मुद्दा नहीं उठाया और बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार संसद से विधेयक पारित कराने में असफल रही, जो बहुत ही दुखद मुद्दा है। कविता ने कहा कि महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत 193 देशों में 148वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि संसद में 543 में से केवल 78 महिला सदस्य हैं, जो केवल 14.4 प्रतिशत है।

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