मुस्लिम धर्म गुरूओं ने कहा- हमें नहीं है कोई एतराज
प्रदेश के सभी तरह के मदरसों में लागू होगा फैसला
यूपी डेस्क: यूपी की आदित्य नाथ योगी की सरकार ने एक बार फिर मदरसों को लेकर बड़ा एलान किया है। अब यूपी के सभी मदरसों में राष्ट्रगान की गूंज सुनाई देगी। योगी सरकार की सरकार ने यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड परिषद ने आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश मान्यता प्राप्त, अनुदान पाने वाले और अनुदान नहीं पाने वाले सभी मदरसों पर लागू होगा।
इस आदेश के अनुसार मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले सुबह की प्रार्थना के समय राष्ट्रगान होगा। रमजान और ईद की छुट्टियों के बाद गुरुवार यानी 12 मई 2022 से सभी मदरसे खुल गए हैं। साथ ही 14 मई से मदरसों में बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया जायज फैसला
इस आदेश के संबंध में जब यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहना था कि- ‘जब मदरसा छात्र राष्ट्रगान गाएंगे तो समाज के मूल्यों को भी जानेंगे। मदरसा शिक्षा के उत्थान के लिए सरकार काम कर रही है। अब मदरसा के छात्र गणित, विज्ञान, कंप्यूटर के साथ-साथ धर्मग्रंथों का भी अध्ययन करेंगे।’
मौलाना सुफियान ने कहा- राष्ट्रगान से आपत्ति नहीं लेकिन मदरसों को टारगेट करना गलत
योगी के इस फैसले पर मुस्लिम वर्ग से मिली जुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं। लखनऊ के दारुल उलूम फरंगी महली के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का कहना कि ‘मदरसे में राष्ट्रगान अनिवार्य करने पर कोई भी आपत्ति नहीं है, लेकिन बार-बार मदरसों को टारगेट किया जाता है। पहले कहा गया कि NCERT की किताब पढ़ाई जाएगी, लेकिन ऐसी कोई किताब नहीं पढ़ाई जा रही है। न ही मदरसों को हाइटेक किए जाने को लेकर कोई भी संसाधन किए जा रहे हैं। इस ऑर्डर से यही सवाल उठता है कि मदरसों में राष्ट्रगान नहीं होता है, न ही कोई पढ़ाई होती है।’
विशेष मौके पर होता है राष्ट्रगान
बरेली स्थित तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी की माने तो 26 जनवरी, 15 अगस्त जैसे विशेष मौकों पर राष्ट्रगान होता है। मगर यह हर रोज लागू नहीं किया जाना चाहिए। फिर भी हमे कोई एतराज नहीं है। हम पढ़ेंगे। हुकूमत को लगता है कि देश से मोहब्बत का इजहार इसी तरह से किया जाता है तो हमें एतराज नहीं है।