बलिया जिले की 81वीं वर्षगांठ
देश से पांच साल पहले आजाद हो गया था जिला
सीएम के आगमन को लेकर नगर में खुशी का माहौल
यूपी डेस्क: बलिया जिले के इतिहास में इस दिन को आजादी का दिन के तौर पर मनाया जाता रहा है। वर्ष 1942 में जिला देश से पांच साल पहले आजाद हो गया था। उसकी यह बलिया जिले की 81वीं वर्षगांठ है। मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी सुबह से ही चलती रही। कुंवर सिंह डिग्री कालेज के मैदान में हेलीपैड का कार्य एक दिन पूर्व गुरुवार की शाम तक पूरी कर ली गई थी। सभी महापुरुषों के स्मारकों की भी रंगाई-पोताई का कार्य चल रहा था। जिला कारागार और पुलिस लाइन में भी तैयारी सुबह भी होती रही।
सीएम के आगमन को लेकर नगर में खुशी का माहौल
कुंवर सिंह चौराहा से जिला कारागार तक की सड़क को बेहतर तरीके से चमकाया गया था। सीएम के आगमन को लेकर नगर में खुशी का माहौल रहा। सीएम योगी बलिदान दिवस’ के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। बहुत से लोग सीएम से नई सौगात की भी उम्मीद लगाए हुए हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, जिलाधकारी सौम्या अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर, सीएम सिक्योरिटी टीम के सदस्य आदि सभा स्थल, हैलीपैड आदि तैयारियों को जायजा लेते रहे। सड़क किनारे खुली नालियों को नगरपालिका की ओर से ढ़का जा रहा है। छिड़काव किया जा रहा है। हर विधानसभा से भारी संख्या में लोग मुख्यमंत्री को सुनने के लिए जिला मुख्यालय पर पहुंचेंगे।
19 अगस्त 1942 को आजाद हो गया था घोषित
19 अगस्त 1942 की, जब बागी बलिया के सपूतों ने न सिर्फ ब्रिटिश सरकार को उखाड़ने का काम किया, बल्कि बलिया को राष्ट्र घोषित कर यहां एक समानांतर सरकार भी बनाई, जिसका नाम रखा गया स्वतंत्र बलिया प्रजातंत्र। हालांकि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी और ब्रिटिश सरकार ने अगले ही माह सितंबर में दोबारा यहां कब्जा कर लिया। बागी बलिया चित्तू पांडे की अगुवाई में 19 अगस्त 1942 को आजाद घोषित हो गया था। क्रांतिवीरों की याद में बलिया बलिदान दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।