बिहार में भाजपा को एक बड़ा झटका लगा
बिहार भाजपा के कद्दावर नेता राजीव रंजन ने इस्तीफा दे दिया
राजीव रंजन ने पार्टी पर लगाए कई आरोप
(बिहार डेस्क) बिहार में सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. यहां भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है.बिहार भाजपा के कद्दावर नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने इस्तीफा दे दिया है। राजीव रंजन ने इस्तीफे के साथ ही कहा है कि अब मोदी के सबका साथ सबका विकास वाली बीजेपी नहीं रही। इधर, पार्टी विरोधी बयानबाजी को लेकर बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है।
राजीव रंजन ने पार्टी पर लगाए कई आरोप
पत्र लिखकर राजीव रंजन ने कहा कि बिहार बीजेपी आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों व आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है. प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है. आज पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं. हालात यह है कि जो नेता पिछड़े समाज के नहीं है वह भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता सुख भोग रहे हैं.
राजीव रंजन पूर्व में विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने इन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ-साथ मीडिया का प्रभारी भी बनाया था। लेकिन, हाल के दिनों में इनकी नाराजगी भाजपा से बढ़ती गई और इन्होंने नए साल शुरू होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया।
राजीव रंजन ने अनुरोध करते हुए लिखा कि इस त्यागपत्र को स्वीकार किया जाए और उन्हें पार्टी प्रदत दायित्वों से मुक्त किया जाए. यह भी कहा कि कई और भी विषय हैं जिन पर उनका पार्टी से मतैक्य नहीं है. कहा कि कई विषयों को वह पत्र में नहीं लिख रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में वह उसे उठाते रहेंगे. लिखा कि पार्टी के पद और सदस्यता से अपना त्यागपत्र देता हैं.
दरअसल बीजेपी नेता और पूर्व विधायक राजीव रंजन के पार्टी से इस्तीफा देने की वजह जेडीयू से बढ़ रही उनकी नजदीकियां है. पिछले दिनों उन्होंने जेडीयू प्रेसीडेंट ललन सिंह से मुलाकात की थी. इस मुलाकाक के बाद ही उनके सुर बदल गए थे.